अमित द्विवेदी | navpravah.com
कोरोना संकट को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन को खोलने को लेकर एक नीति तैयार करनी होगी और इस पर राज्य की सरकारों को मुस्तैदी से काम करना होगा।
सोमवार को प्रधानमंत्री और तमाम मुख्यमंत्रियों की इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि राज्य की सरकारें अपनी नीति तैयार करें कि लॉकडाउन को कैसे खोला जाए। उन्होंने कहा कि ख़तरे के आधार पर हम इलाक़ों को क्रमशः तीन ज़ोन (ग्रीन, ऑरेंज और रेड) में बाँटेंगे। जिन राज्यों में मामले ज़्यादा हैं, वहाँ लॉकडाउन जारी रहेगा और जहाँ मामले कम हैं, वहाँ ज़िले के हिसाब से छूट दी जाएगी, ताकि मामले धीरे-धीरे एकदम समाप्त हो जाएँ।
अर्थव्यवस्था को लेकर न लें टेंशन-
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था को लेकर भी लोगों का तनाव कम करने वाली बात कही। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से देश में 3 मई तक का लॉकडाउन लागू है। इस बीच आगे की रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। इसमें कई राज्यों की ओर से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने और फेज़ वाइज़ लॉकडाउन हटाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया है, लॉकडाउन की वजह से हमें लाभ मिला है।
नितीश ने उठाया अन्य राज्यों में फंसे छात्रों का मुद्दा-
इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे हुए बच्चों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने मांग करते हुए कहा कि बच्चों को लाने के लिए एक नीति बननी चाहिए, कई राज्य लगातार बच्चों को वापस बुला रहे हैं। गौरतलब है कि बैठक से पहले भी कई राज्य सरकारें इस बात को कह चुकी हैं कि एक दम से लॉकडाउन को हटाना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे में केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग नीति बनानी चाहिए।