एनपी न्यूज़ डेस्क । Navpravah.com
भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इस समय उत्तर भारत के दौरे पर हैं। इस दौरे में उन्होंने भारत के लिए चिंता जताते हुए चीन और पाकिस्तान के खतरनाक मंसूबों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान भारत की मजबूती को हिलाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए उन्होंने दूसरी ओर से युद्ध का रास्ता खोज निकाला है। उत्तर पूर्व के रास्ते भारत आने वाले शरणार्थियों को सेना प्रमुख ने चीन की चाल बताया है।
इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल रावत ने एक राजनीतिक संगठन की चर्चा कर दी, जिस पर बवाल मच गया। सेना प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकवादी भेजे जाते हैं। उसी तरह उत्तर भारत में अशांति फैलाने के लिए अवैध आबादी को भारत में भेजा जाता है। इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि यहां AIUDF नाम का राजनीतिक संगठन तेजी से बढ़ रहा है। इस पार्टी का विकास बीजेपी के मुकाबले तेज हुआ है। जनसंघ का आज तक का जो सफर रहा है, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का विकास तेजी से हुआ है।
आपको बता दें कि एआईयूडीएफ (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) नाम का संगठन मुस्लिमों के लिए काम करता है। सेना प्रमुख के इस बयान के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेदादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सेना प्रमुख के बयान पर अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। उनका काम किसी राजनीतिक पार्टी पर कमेंट करना नहीं है। लोकतंत्र और संविधान इसकी इजाजत देता है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने विचार को ट्वीट करते हुए लिखा कि सेना हमेशा जनता द्वारा चुनी गई सरकार के अंतर्गत काम करती है।