RTI के दायरे से बाहर हो सिविल सेवा परीक्षा -सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court

एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com

सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) को आरटीआई के दायरे से बाहर निकाल दिया गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पांच साल पुराने फैसले पर रोक लगा दी है। सुनवाई में कहा गया कि यूपीएससी के सूचना के अधिकार (RTI) में रहने के कारण इसका सीधा प्रभाव चयन प्रक्रिया पर पड़ेगा। 

दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले में संघ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया गया था कि वो सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा में परीक्षार्थियों की ओर से अर्जित अंकों को सार्वजनिक करे। जस्टिस आदर्श के गोयल और उदय यू ललित की बेंच ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अंकों को सार्वजनिक करने पर मूल्यांकन प्रक्रिया पर इसका असर पड़ेगा। इतना ही नहीं इससे सिस्टम की अखंडता के साथ समझौता करने वाली बात होगी।

खंडपीठ के अनुसार, अगर कोई मामला सामने आया है, जहां न्यायालय को पता चलता है कि सार्वजनिक हित में जानकारी देने की आवश्यकता है, तो कोर्ट निश्चित रूप से ऐसा करने के लिए हकदार है। 

UPSC ने परीक्षा के लिए किए गए बदलाव-

-नई अधिसूचना के मुताबिक, परीक्षा देने के लिए अधिकतम आयु सीमा में बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने नियम 6(b)(vii) लाकर, सिविल सर्विसेज परीक्षा 2018 के नियम 6 के नोट-I और नोट-III में बदलाव कर अधिकतम आयु सीमा बढ़ा दी है।   
-जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसबंर, 1989 से निवास कर रहे उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा से 5 साल की रियायत मिलेगी।  
-परीक्षा के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 21 से 32 वर्ष निर्धारित की गई है। अधिकतम आयु सीमा से विभिन्न आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को रियायत मिलती है। इनमें एससी/एसटी, ओबीसी और अन्य श्रेणियां शामिल हैं
-सिविल सर्विसेज प्रीलिमिनरी एग्जामिनेशन 2018 की मुख्य अधिसूचना 7 फरवरी 2018 को जारी की गई थी।   
-आवेदन प्रक्रिया जारी है और यह 6 मार्च 2018 तक चलेगी। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार upsconline.nic.in पर आवेदन कर सकते है।

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