सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के 11500 करोड़, विजय माल्या एसबीआई समेत अन्य बैंकों के 8000 करोड़ रुपए लेकर देश से भाग गया है, साथ ही विक्रम कोठारी पर भी कई बैंकों का बकाया फंसा है। लेकिन, देश को खोखला बनाने में 9339 कर्जदारों का हाथ है, जिन्होंने भारतीय बैंकों के 1,11,738 करोड़ रुपए जानबूझकर नहीं चुकाए हैं। लोन की यह रकम जिन 9,339 कर्जदारों ने ली वे इसे चुकाने में सक्षम हैं, लेकिन वे रकम चुका नहीं रहे हैं।
क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लिमिटेड से मिले डेटा के अनुसार, कर्ज के इस आंकड़े में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 93,357 करोड़ रुपए है। साल 2013 में यह रकम 25,410 करोड़ रुपए थी, जिसमें पांच सालों में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गयी है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने अभी तक सभी कर्जदारों के नामों की लिस्ट सार्वजनिक नहीं की है, पिछले साल आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा था कि वह उन कर्जदाताओं के नामों की लिस्ट अभी सार्वजनिक नहीं करेगी। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ऐसे कर्जदारों की संख्या सबसे ज्यादा है। खबर के मुताबिक, एसबीआई के ऐसे 1665 कर्जदारों पर 27,716 करोड़ रुपये का कर्ज है, SBI के कर्जदार हैं, किंगफिशर एयरलाइन, कैलिक्स केमिकल्स, जेबी डायमंड, जेनिथ बिरला, श्रीराम कॉर्पोरेशन, जूम डेवलपर्स, जेट इंजीनियरिंग आदि।
आईडीबीआई बैंक के खाते में भी 83 विलफुल डिफॉल्टर हैं, इन्होंने कुल 3659 करोड़ रुपए के लोन ले रखे हैं, IDBI के कर्जदार हैं, रीड एंड टेलर, एस कुमार नेशनवाइड, आदि इसी तरह कई बैंक का पैसा फंसा हुआ है। आरबीआई ने सीआईबीआईएल जैसे अन्य क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो को ऐसे कर्जदारों की पहचान बताने की अनुमति दे दी है, जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे या जिनके खिलाफ अभी मुकदमा चल रहा है।