पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
पिछले साल से चर्चा में आए #MeToo कैंपेन के ज़रिए विश्व की तमाम महिलाओं ने अपने दर्द की दास्ताँ वैश्विक मंच पर साझा किया। इस कड़ी में अब एक नए अभियान की शुरुआत की गई है। #MosqueMeToo नामक अभियान आजकल खूब चर्चा में है। दरअसल, इस हैशटैग के साथ महिलाएं ऐसी कहानियां शेयर कर रही हैं, जिसमें उनके साथ किसी मस्जिद जैसे पवित्र स्थल पर यौन उत्पीड़न किया गया।
बता दें कि #MosqueMeToo के जरिए दुनियाभर की महिलाएं अपने साथ धर्मस्थल के आसपास हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं को बयां कर रही हैं। इस अभियान की शुरुआत तब हुई, जब लेखिका और पत्रकार मोना एल्ताहवी ने अपने साथ हज के दौरान हुई यौन उत्पीड़न की घटना को शेयर किया। उन्होंने कहा, मेरी कहानी पढ़ने के बाद एक मुस्लिम महिला ने अपनी मां के साथ हज के दौरान हुई यौन उत्पीड़न की घटना को लिखकर मुझे मेल किया है।
इसके तहत @reallyHibbs हैंडल से लिखा गया कि जब मैं दिल्ली के जामा मस्जिद में गई तो एक शख्स ने मेरी छाती छूने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि मैंने इसके बारे में किसी से बात नहीं की, क्योंकि लोगों को लगता कि मैं इस्लामोफोबिया का समर्थन कर रही हूं।
वहीं @djenanggulo हैंडल से एक और महिला ने लिखा कि सऊदी अरब के मस्जिद नबावी से कुछ ही फीट की दूरी पर एक शख्स ने उनका हाथ जोर से पकड़ लिया था और उन्हें ऊपर से नीचे तक देखने लगा। इसी कड़ी में @nargesska हैंडल से एक महिला ने लिखा कि धर्मस्थलों पर जाने से पहले महिलाओं को चेतावनी दी जाती है। जब मेरी मां तवाफ कर रही थी, तब पापा उसके पीछे खड़े होकर उसकी रक्षा कर रहे थे।