यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के लिए कुल 68500 सीटें खाली हैं, जिसके लिए 124938 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। यानि एक पद पर दो से भी कम दावेदार हैं। ऐसे में यह साफ़ हो जाता है कि यह परीक्षा पास होनेवाले दावेदार की नौकरी पक्की है।
इस भर्ती के लिए प्रदेश में पहली बार यह लिखित परीक्षा होने जा रही है। इसके लिए आवेदकों का बीटीसी व समकक्ष डिग्रीधारी और टीईटी या सीटीईटी पास होना जरुरी है। गौर करने वाली बात यह है कि इस लिखित परीक्षा में 50 से 55 प्रतिशत अभ्यर्थी भी पास होते हैं तो सभी को नौकरी मिल जाएगी।
उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद सिर्फ बीटीसी व समकक्ष डिग्रीधारियों के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भर्ती होने जा रही है। सरकार ने भर्ती के लिए नियम इतने ज्यादा सख्त कर दिए गए हैं कि शायद ही किसी प्रदेश में इतनी कठिनाई से प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति होती हो। आरटीई में डीएलएड (यूपी में बीटीसी) या समकक्ष डिग्री के साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किया गया था।
वहीं शिक्षा मंडल द्वारा 12 मार्च को यह लिखित परीक्षा ली जानी है, जिसमें प्रस्तावित 68500 शिक्षक भर्ती की जानी है और इसमें केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी को 15 फरवरी तक परीक्षा केंद्र तय करने है। शिक्षक भर्ती की परीक्षा भी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में कराई जाएगी।