पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
गुरुवार को हुए एक सार्वजनिक समारोह में केंद्रीय जहाज़रानी एवं परिवहन मंत्री नितीन गडकरी भारतीय नौसेना पर झल्लाते दिखे। उन्होंने नौसेना अधिकारियों से सवालिया लहजे में कहा कि नौसेना के अधिकारियों को केवल आलीशान दक्षिण मुंबई इलाके में ही रहने की जरूरत क्यों आन पड़ी है। उन्होंने साफ़ कहा कि वह नौसेना को इस इलाके में फ्लैट या क्वाटर्र बनाने के लिए एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी।
गडकरी ने अपने बयान में कहा कि नौसेना की जरूरत हमें सीमाओं पर है, जहां से आतंकवादी घुसपैठ करते हैं। नौसेना में हर कोई दक्षिण मुंबई में क्यों रहना चाहता है? वे मेरे पास आए थे और भूखंड मांग रहे थे। मैं एक इंच भी जमीन नहीं दूंगा, कृपया दोबारा मेरे पास न आइए। पश्चिमी नौसैनिक कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा की मौजूदगी में गडकरी ने सार्वजनिक समारोह में यह बात कही।
ज्ञात हो कि नौसेना ने दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल में एक तैरते पुल के निर्माण के लिए अनुमति देने से मना कर दिया था, जहां एक तैरता होटल और सीप्लेन सेवा शुरू करने की योजना है, जिससे गडकरी नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि सभी दक्षिण मुंबई की अहम जमीन पर क्वार्टर और फ्लैट बनवाना चाहते हैं। हम नौसेना का सम्मान करते हैं, लेकिन आपको पाकिस्तान सीमा पर जाना चाहिए और गश्त करनी चाहिए।
गडकरी ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण और वरिष्ठ अफसर मुंबई में रह सकते हैं। समुद्र के पूर्वी किनारे पर राज्य सरकार द्वारा संचालित मुंबई बंदरगाह ट्रस्ट और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही जमीन का इस्तेमाल स्थानीय नागरिकों के लाभ के लिए ही किया जाएगा। दक्षिण मुंबई में नौसेना की अच्छी खासी मौजूदगी है और इस इलाके में पश्चिमी नौसैनिक कमान का मुख्यालय है। दक्षिण मुंबई के ही कोलाबा स्थित नेवी नगर में नौसेना के आवासीय क्वार्टर हैं।
गडकरी ने कहा कि मैंने सुना कि नौसेना ने मालाबार हिल पर तैरते पुल (फ्लोटिंग जेटी) के निर्माण की योजना पर रोक लगा दी, जबकि उच्च न्यायालय से इसे मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि मालाबार हिल में नौसेना कहां है? मालाबार हिल में कहीं नौसेना नहीं है और नौसेना को इस इलाके से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने नौसेना को मुद्दे का हल निकालने के लिए बातचीत का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि वह रुकी हुई बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाएं जैसे ही एजेंडे में आती हैं, उन्हें मंजूरी मिल जाती है। गडकरी ने कहा कि हम सरकार हैं, नौसेना और रक्षा मंत्रालय सरकार नहीं हैं।