सौम्या केसरवानी | navpravah.com
पीएम मोदी ने 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए, लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दिया था, पहला लॉकडाउन 21 दिन का था और दूसरा लाकडाउन 19 दिन का है।
पीएम ने जब 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी, तो उन्होंने कहा था कि यह 21 दिन लोगों के 21 साल के भविष्य का फ़ैसला करेंगे। ये 21 दिन अगर लोग साथ देंगें तो हम कोरोना से लड़ने में बहुत हद तक साथ दे सकते हैं।
21 दिनों का लॉकडाउन का पार्ट-1 पूरा हो गया है और दूसरा चल रहा है, दूसरा लाकडाउन 19 दिनों का है, पीएम ने अपने इस बार के घोषणा में कहा था कि यदि लोग दूसरे लाकडाउन का पालन अच्छे से करते हैं तो कुछ चीजों में छूट दी जायेगी और लाकडाउन जल्द से जल्द खत्म होगा।
पीएम मोदी ने जनता से अपील की थी कि, वो कोरोना वायरस के ख़िलाफ काम कर रहे लोगों के लिए घर से थाली या ताली बजाएं, तो यह हुआ भी, लोगों ने बड़े उत्साह से पीएम की इस बात को मानकर किया, इसके बाद पीएम ने देश की जनता से अपील की, कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ एक उमंग और जोश जगाने के लिए घर की बत्तियां बंद करके छत या दरवाज़े से दीप, टॉर्च, मोमबत्ती या मोबाइल की फ़्लैशलाइट जलाये, इसे भी जनता ने बड़े उत्साह के साथ किया। दूसरे लॉकडाउन में ऐसा कुछ होगा या नहीं होगा, अभी कुछ कहा नहीं कहा जा सकता है।
अभी भी देश के कई हिस्सों में मज़दूर और आम लोग फंसे हुए हैं, यह अभी साफ़ है कि पहले लॉकडाउन की तरह ही दूसरे लॉकडाउन में उन मज़दूरों को घर भेजने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।
लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर दिए गए भाषण में पीएम मोदी ने दोहराया था कि देश में अनाज और दवाओं की कमी नहीं है इसलिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, पहले की तरह ही खाने-पीने के ज़रूरी सामानों और दवाइयों की ख़रीदारी के लिए कोई रोक नहीं होगी।
पीएम ने पहले लाकडाउन में कहा था कि, देश में सभी प्रकार का यातायात का साधन बंद रहेगा, इसके बाद रेलवे ने 31 मार्च तक अपनी सभी ट्रेनें रद्द कर दी थीं, जिसके बाद इसे बढ़ाकर 14 अप्रैल कर दिया था, और दूसरे लाकडाउन में रेल मंत्रालय ने ये साफ़ कर दिया है कि, मालगाड़ियों को छोड़कर सभी तरह की ट्रेनों का परिचालन 3 मई की आधी रात तक के लिए बंद कर दिया गया है, वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान को भी 3 मई तक बंद रखने की घोषणा की है।
पीएम ने कहा कि, 20 अप्रैल तक देश के हर गली, मोहल्ले को बारीकी से परखा जाएगा कि, लॉकडाउन का कैसे पालन हो रहा है और जहां कोरोना वायरस के मामले नहीं होंगे, उन इलाक़ों को कुछ छूट दी जाएगी,
हां यह छूट सशर्त दी जाएगी और अगर ये शर्तें टूटेंगी तो उनसे छूट छीन ली जाएगी, लेकिन पहले लॉकडाउन में ऐसा नहीं था।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने पहले लाकडाउन के वक्त कहा था कि, उसकी क्षमता हर रोज़ 13,000 टेस्ट करने की है और वो हर दिन 25,000 टेस्ट तक कर सकता है, हालांकि, आईसीएमआर का कहना है कि वो अपनी क्षमता 1,00,000 टेस्ट प्रतिदिन करना चाहता है जिसके लिए उसे टेस्ट किट की ज़रूरत है जो अगले कुछ दिनों में चीन से आने वाली है।
दूसरे लॉकडाउन में टेस्टिंग कितनी तेज़ होगी यह तो वक़्त ही बताएगा लेकिन प्रधानमंत्री ने लोगों को कहा है कि वो धैर्य बनाकर रखें क्योंकि वो उनका साथ मांग रहे हैं, अगर लोगों ने उनका साथ दिया तो वो इस बीमारी से लड़ पायेगें।