सौम्या केसरवानी | navpravah.com
नई दिल्ली | वह होनहार और होशियार बिटिया थी, वह पढ़ाई में हमेशा आगे रहती थी, उसने दिन रात कड़ी मेहनत करके अपने माता-पिता का सपना पूरा कर दिया था और वह डॉक्टर बन गई थी, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, उसके और उसके माता-पिता के सभी सपने खत्म हो गये और वह इस दुनिया को छोड़कर चली गई।
हम बात कर रहे कोलकाता के उस हैवानियत भरे किस्से की जिसने सबकी रूह हिला दी है, उसके चेहरे से लेकर पांव तक शरीर पर कई घाव थे, प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था, जब लाश का पोस्टमॉर्टम हुआ तो डॉक्टरों की रूह भी कांप गई थी, उसके साथ एक दो बार नहीं बल्कि कई बार रेप किया गया था, उसकी लाश जिसने भी देखा वह रो पड़ा था।
यह घटना हुई है कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ, इस घटना के बाद सभी स्तब्ध रह गये हैं, जगह-जगह इसके खिलाफ मोर्चे निकाले जा रहे, कैंडल मार्च निकालकर लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं, पीड़िता की रोज की तरह नाइट शिफ्ट थी, वह सभी काम करके थोड़ा आराम करने सेमिनार हॉल में गई थी, पर उसे क्या मालूम था कि वह अब कभी सेमिनार हॉल से बाहर नहीं आ पायेगी।
पीड़िता की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, यौन उत्पीड़न के बाद हत्या किए जाने की पुष्टि हुई है, पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया है, जो कि मेडिकल कॉलेज का अस्थाई कर्मचारी है। ट्रेनी डॉक्टर चेस्ट रोग चिकित्सा विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और गुरुवार की रात ड्यूटी पर तैनात थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था, उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे, कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, यह अपराध सुबह 3 से 6 बजे के बीच हुआ होगा, उन्होंने बताया कि, आरोपी ने महिला डॉक्टर का रेप किया और उसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी, इस दौरान महिला डॉक्टर ने बहुत संघर्ष करने का प्रयास किया लेकिन असफल रही, वहीं कोलकाता पुलिस ने अपराध की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, यह मामला अत्यंत गंभीर है, यह मामला व्यक्तिगत हानि जैसा है, उन्होंने कहा कि, वह इस घटना को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगीं और आरोपियों को फांसी दिलवाने की कोशिश करेगीं, उन्होंने आगे कहा कि, डॉक्टरों का विरोध करना जायज है, अगर उन्हें लगता है कि, उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो सरकार किसी अन्य जांच एजेंसी से मामले की जांच करा सकती हैं।