मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आये हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के ख़ास समर्थक माने जाने वाले गोविन्द सिंह राजपूत की बड़ी जीत हुई है. सुरखी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी गोविन्द राजपूत ने कांग्रेस प्रत्याशी पारूल साहू को 40 हजार से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया है.
सुरखी विधानसभा उपचुनाव की मतगणना में शुरुआत से ही बीजेपी प्रत्याशी गोविन्द राजपूत आगे चल रहे थे, कुछ ही राउंड में पारुल साहू ने बढ़त बनाई. लेकिन सातवें राउंड के बाद बीजेपी प्रत्याशी की लीड लगातार बढ़ती गईं और 24 वे राउंड में 40990 मतों से भाजपा के गोविंद सिंह की जीत हुई.
कई मायनों में यहां का उपचुनाव रोचक रहा. सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफ़ा देकर गोविन्द राजपूत ने चुनाव लड़ा. वहीं कांग्रेस ने भी भाजपा छोड़ कर आई पूर्व विधायक पारुल साहू को टिकट दिया. दोनों प्रत्याशियों के बीच राजनीतिक लड़ाई पुरानी रही है. जब गोविन्द सिंह भाजपा में आये तो पारुल साहू ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. कांग्रेस ने जहां अन्य सीटों पर दल बदल को मुद्दा बनाया लेकिन यहां दोनों ही प्रत्याशी दल बदल मैदान में थे. लेकिन जनता ने गोविन्द राजपूत को जीत का तोहफा दिया.
मतगणना से पहले ही सोमवार को बीजेपी प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत की जीत के पोस्टर लगने से राजनीतिक गरमाहट बढ़ गई थी. बीजेपी ने जहां अपनी जीत सुनिश्चित बताई थी, वहीं कांग्रेस ने इमरती देवी के कलेक्टर वाले बयान से जोड़ते हुए इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे.
सुरखी विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रभारी और म.प्र. शासन के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने क्षेत्र के मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को इस विजयश्री का श्रेय देते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया है. मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि, कांग्रेस के नेता पिछले छह महीनों से जनता में जो भ्रम फैला रहे थे, उसे सुरखी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत को जिताकर कांग्रेस को खारिज कर दिया है. भाजपा के कार्यकर्ताओं ने इस चुनाव को कांग्रेस की अनैतिकता, असत्य जनता से वादा खिलाफी के खिलाफ एवं जंग की तरह लड़ा और जीत हासिल की.