इशिका गुप्ता| navpravah.com
नई दिल्ली | तिरुपति लड्डू के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है।
हाल ही में तिरुमाला मंदिर में प्रसाद में पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर विवाद उठने पर, कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के प्रमुख मंदिरों में दिए जाने वाले सभी प्रसाद की जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसाद बनाने में सिर्फ कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) द्वारा आपूर्ति किया जाने वाला नंदिनी घी ही इस्तेमाल होगा।
कर्नाटक सरकार की यह घोषणा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के उस बयान के दो दिन बाद आई, जिसमें उन्होंने तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा जैसी घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया था।
रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “कर्नाटक के सभी प्रमुख मंदिरों को जल्द ही एक परिपत्र जारी किया जाएगा, जिसमें प्रसाद में केवल केएमएफ के नंदिनी घी का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। हम इन मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद का परीक्षण भी करेंगे।”
यह मामला उस समय और गर्म हो गया जब नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाई जाने वाली मिठाई में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। आपूर्तिकर्ताओं को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है। टीटीडी घी के नमूने एकत्र करता है और केवल प्रमाणन पास करने वाले उत्पादों का ही इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके शासन में 18 बार उत्पादों को अस्वीकार किया गया है।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री नायडू से बात की और इस मामले पर पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि केंद्र इस मामले की जांच करेगा और उचित कार्रवाई करेगा।
मोदी सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों पर एक प्रेस वार्ता में, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से तिरुपति प्रसादम में मिलावट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “इस मुद्दे की जानकारी मिलने के बाद मैंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की और उनसे विस्तृत जानकारी मांगी। मैंने उनसे उपलब्ध रिपोर्ट साझा करने के लिए कहा है ताकि मैं इसकी जांच कर सकूं।
उन्होंने यह भी कहा कि वह राज्य नियामकों से संपर्क करेंगे और खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, उन्होंने रिपोर्ट मांगी है और इसकी जांच करने का आश्वासन दिया।