नृपेंद्र कुमार मौर्य | navpravah.com
नई दिल्ली | रिंसन जोस, केरल के वायनाड जिले से ताल्लुक रखने वाले एक व्यवसायी, का नाम हाल ही में लेबनान में हुए हिज़बुल्ला पेजर विस्फोटों में सामने आया है। इन विस्फोटों में कई हिज़बुल्ला लड़ाके मारे गए थे, और इस घटना ने जोस को वैश्विक मीडिया में चर्चा का विषय बना दिया है। विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए पेजर्स को रिंसन की कंपनी, नोर्टा ग्लोबल, द्वारा बेचा गया था, जो अब जांच के घेरे में है।
हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि रिंसन या उनकी कंपनी की इन विस्फोटों में सीधी भूमिका थी या नहीं। फिलहाल, जांचकर्ताओं का ध्यान उस सप्लाई चेन पर है जिसके जरिए ये पेजर्स हिज़बुल्ला तक पहुंचे। नोर्टा ग्लोबल एक वैश्विक तकनीकी कंपनी है, और यह संभव है कि ये पेजर्स सामान्य रूप से बेचे गए हों, बिना यह जाने कि उनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जाएगा। रिंसन, जो अब नॉर्वे के नागरिक हैं, का दावा है कि उन्हें इस घटना से जुड़ी किसी भी जानकारी का कोई अंदाजा नहीं है।
रिंसन का परिवार, जो अभी भी केरल के वायनाड में रहता है, इस मामले से स्तब्ध है। उनके पिता, जो एक दर्जी हैं, ने मीडिया से कहा कि उनका बेटा हमेशा से मेहनती और ईमानदार रहा है। उन्होंने कहा कि रिंसन कभी किसी गलत गतिविधि में शामिल नहीं हुआ और परिवार को इस घटना से जुड़ी किसी भी जानकारी का पता नहीं है।
लेबनान के सुरक्षा अधिकारी फिलहाल इस बात की जांच कर रहे हैं कि पेजर्स को किस तरीके से हथियारों में बदला गया और किसकी मदद से ये हिज़बुल्ला तक पहुंचे। वहीं, रिंसन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी या नहीं, यह अभी जांच पर निर्भर है।
यह मामला दिखाता है कि कैसे वैश्विक व्यापार और तकनीकी सप्लाई चेन का आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है, यहां तक कि उन कंपनियों के लिए भी जो सीधे तौर पर इसमें शामिल नहीं होतीं।