भारत ने जीता चौथा U-19 विश्वकप खिताब, शॉ की सेना ने कंगारुओं को किया चित्त

भारत ने जीता U-19 विश्व कप 2018

सुनील यादव | Navpravah.com 

U-19 विश्वकप के फाइनल में आज भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर चौथी बार विश्वकप का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस जीत के साथ ही भारत सबसे ज्यादा बार U-19 विश्वकप का खिताब जीतने वाला देश बन चुका है। विश्वकप के पहले मैच में कंगारुओं को पटखनी देने वाली भारतीय टीम ने फाइनल में भी ऑस्ट्रेलिया को हराकर साबित कर दिया कि शॉ की सेना इस समय वर्ल्ड U-19 में सबसे बेस्ट टीम क्यों है।

कोच राहुल द्रविड़ की देख-रेख में भारतीय युवा खिलाड़ियों ने विश्वकप 2018 में शुरू से अब तक कोई मैच नहीं हारा। हर एक सीढियों को कदमों से लांघते टीम इंडिया ने शिखर पर पहुंचकर आज विश्वकप की ट्रॉफी उठा ली है। मुंबई के छोटे से खिलाड़ी पृथ्वी शॉ ने भारतीय टीम की कप्तानी हाथ मे लेकर वो कर दिखाया है, जो बेहद बड़े-बड़े नाम भी करने में असफल रहें। 

आज विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। ऑस्ट्रेलिया के दोनों सलामी बल्लेबाजों मैक्स ब्रयांट और जैक एडवर्ड्स ने टीम को तेज शुरुआत देने की कोशिश की, लेकिन ईशान पोरेल ने ऑस्ट्रेलिया को 32 रनों के स्कोर पर पहला झटका मैक्स ब्रयांट के रूप में दिया, उन्होंने 14 रन बनाये। इसके बाद पिच पर आये ऑस्ट्रेलिया के कप्तान जैसन संघा भी ज्यादा देर टिक न सके, वह 13 रन बनाकर नागरकोटी का पहला शिकार बने। ऑस्ट्रेलिया ने अपने तीनों सलामी बल्लेबाजों के विकेट महज 60 रनों पर खो दिए। लेकिन इसके बाद जोनाथन मेर्लो और परम उत्पल ने टीम को संभाला और दोनों मिलकर 75 रन जोड़ दिए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा जोनाथन मेर्लो ने 76 रन बनाये। लगातार एक छोर से विकेट गिरते रहने से वह भी टीम को संभाल न सके और पूरी टीम 216 रनों पर ढेर हो गई। भारत की ओर से कमलेश नागरकोटी, शिवा सिंह, ईशान पोरेल और अनुकूल रॉय ने 2-2 विकेट झटके, जबकि शिवम मावी को 1 विकेट मिला। 

भारतीय टीम को मिले 217 रनों के लक्ष्य को भेदने उतरे भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और मनजोत कालरा ने एक बार फिर टीम को ठोस शुरुआत दी। दोनों ने मिलकर महज 8.5 ओवरों में टीम का स्कोर 50 के पार पहुंचा दिया। भारतीय टीम को पहला झटका पृथ्वी शॉ के रूप में 71 के स्कोर पर लगा, उन्हें साउदरलैंड ने 29 के निजी स्कोर पर बोल्ड कर पवेलियन भेजा। इसके बाद पिच पर आये पिछले मैच के शतकवीर शुबमन गिल ने मनजोत कालरा का अच्छा साथ दिया। उन्हें 31 के स्कोर पर परम उप्पल ने क्लीन बोल्ड कर पवेलियन का रास्ता दिखाया। शुरू से ही इस में ऑस्ट्रेलिया बाहर नज़र आ रहा था और कभी भी वह इस मैच में  वापसी करता नज़र नहीं आया। शुबमन के बाद पिच पर आये हार्विक देसाई ने भी मनजोत का जमकर साथ निभाया और भारतीय टीम के जीत पर मुहर लगा दी। भारत के सलामी बल्लेबाज मनजोत कालरा ने वर्ल्ड कप फाइनल मैच में शानदार शतक लगाया। वह 101 बनाकर नाबाद रहे। पूरे देश में भारत की जीत के बाद ख़ुशी की लहर है

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