लाइफस्टाइल डेस्क. नारी की असली सुदंरता बाहर नहीं बल्कि उसके अंदर छुपी है। अपनी बाहरी सुंदरता को लेकर महिलाएं अक्सर बहुत ज्यादा उत्साहित रहती हैं। इसमें लगातार निखार लाने के लिए कई महिलाएं बहुत ज्यादा मेहनत करती हैं पर अगर प्राकृतिक सुंदरता को पाना चाहती हैं तो अपने अंदर की असली सुंदरता को पहचानें। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सभी चीजों के बीच हेल्दी बेलंस कायम करने का सफल प्रयास करें। इससे न केवल आप खुश रहेंगी बल्कि अपने आप को स्वस्थ भी महसूस करेंगी। इससे आपके अंदर की असली सुदरता अपने आप खुद बाहर आ जाएगी और आप पहले से कहीं ज्यादा सुंदर दिखाई देंगी। इसके लिए आप कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान दें।जहां बात आती है अपने सुंदर दिखने की तो हम अक्सर दूसरे लोगों से अपनी तुलना करने लग जाते हैं। जबकि यह सत्य नहीं है। अपनी सुंदरता को लेकर दूसरों से अपेक्षा पर निर्भर रहने की बजाय स्वयं उस आंतरिक सुंदरता को देखें। आपकी सुंदरता को निहारने का सबसे पहला अधिकार आपका ही है। इसलिए अपने अंदर की सुंदरता को पहचानें और उससे प्यार करें। आपका खुद के साथ संतुष्ट होना बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे आप स्वयं की बहुत ज्यादा केयर करना शुरू कर देंगी।
इसके अलावा खुद को पसंद करना एक महिला के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके माध्यम से वह अपने अंदर छुपी एक ऐसी नारी की पहचान कर लेती है जो पुरूषों को आकर्षित करने का प्रयास नहीं करती, बल्कि असली वास्तविकता से जुडी़ है। यह बिल्कुल मायने नहीं रखता कि कोई पुरूष आपको पसंद करे या न करें। खुद के अंदर असली रूप में मौजूद सुंदरता से प्यार करें क्योंकि इससे होने वाली अंदरूनी खुशी के कारण बाहरी सुंदरता भी अपने आप खिल उठती है।
जिस नारी के अंदर नारीत्व गुण बना हुआ है, वह आज भी बहुत ज्यादा सुंदर दिखाई देती है। क्योंकि नारीत्व गुण खत्म नहीं हुआ है, यह आज भी मौजूद है। माना कि इसमें त्याग है, सहनशीलता है लेकिन यह बहुत ज्यादा मजबूत है। सबसे ज्यादा आकर्षण होता है एक औरत का उत्साह जिसके बल पर वह खुद को बेहतर महसूस करती है।