हेल्थ डेस्क. मुंहासे होना आम समस्या है और इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकांश युवतियां टूथपेस्ट, नींबू आदि लगाती है, जो त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मुंहासा प्रभावित हिस्से को छूना भी नहीं चाहिए।कई बार आंतरिक असंतुलन खासकर हार्मोन की वजह से मुंहासे निकलते हैं। आंतरिक समस्या से मुंहासे होने पर रक्त की जांच व अल्ट्रासाउंड से पता चल जाता है। मुंहासों से बचने के लिए संतुलित व स्वास्थ्यपरक आहार जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें।
कई लोगों का मानना होता है कि मुंहासे त्वचा के अधिक तैलीय होने के कारण निकलते हैं और वे कठोर साबुन या स्क्रब का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। सच्चाई यह है कि ज्यादा ड्राई स्किन मुंहासों को और बढ़ावा दे सकते हैं।
स्क्रब से मुंहासों में सूजन व लालिमापन आने की संभावन बढ़ जाती है और चेहरे में जलन महसूस हो सकती है।
मुंहासों के उपचार में तीन से लेकर छह महीने तक का समय लग सकता है। लोग अपना धैर्य खोने लगते हैं और नींबू, टूथपेस्ट या लहसुन का इस्तेमाल करते हैं, जो मुंहासों वाली त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।
चेहरे को रोजाना दो-तीन बार धोएं, अगर त्वचा में पर्याप्त मात्रा में मॉइश्चराइजर है तो फिर यह अपना ऑयल बाहर नहीं निकालता है, ऐसे में मुंहासे होने की संभावना नहीं होती है।
अपनी त्वचा को नियमित रूप से मॉइश्चराइज करें, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे, अगर बारिश हो रही हो तो नॉन-वाटर बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें, जिससे भीगने पर भी मॉइश्चराइजर त्वचा से पूरी तरह से नहीं निकले।
बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए चेहरे पर कुछ क्रीम आदि लगाते समय अपने हाथ जरूर धो लें। प्रभावित हिस्से को लगातार छूने से बैक्टीरिया के फैलने की संभावना होती है, जिससे और मुंहासे निकल सकते हैं।
टी (चाय) ट्री तेल जीवाणु रोधी और एंटी फंगल होता है और यह तैलीय त्वचा के लिए उपयुक्त होता है। मुंहासों से बचने के लिए इस तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।