एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आम आदमी पार्टी के 20 से ज्यादा विधायक के ऊपर लाभ के पद का फायदा उठाने का मामला सामने आया था। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के अनुसार, आम आदमी पार्टी के 20 विधायक की छुट्टी तय है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने इन विधायकों की लिस्ट राष्ट्रपति के पास सिफारिस के लिए भेजी है। चुनाव आयोग के इस फैसले को दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम ने असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ है।
शनिवार को मीडिया के सामने इस मुद्दे पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस मामले में चुनाव आयोग ने एक तरफा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने इस तरह की सिफारिश करने से पहले न ही उन विधायकों की बातें सुनी और न ही गवाही कराई गई। सिसोदिया ने कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति से समय की मांग कर रहे हैं, ताकि उनसे गुजारिश कर सकें कि विधायकों की बातें सुनें और उसके बाद ही विधायकों की सदस्यता पर अपना कोई फैसला लें। सिसोदिया ने केन्द्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह पिछले तीन वर्ष के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से किए गए विकास कार्यों से डर गई है।
गौरतलब है कि कल ही आप के विधायक सौरव भारद्वाज ने कहा कि ‘आप’ को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पार्टी के किसी विधायक ने न गाड़ी लिया, न वेतन लिया और न कभी सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाया। उन्होंने इसे जन प्रतिनिधियों के खिलाफ साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्य आयुक्त ने रिटायरमेंट से पहले ऐसा फैसला क्यों सुनाया?