एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
लौंग के पेड़ बहुत बड़े होते हैं, इसके पेड़ को लगाने के आठ या नौ वर्ष के बाद ही फल देते है। इसका रंग काला होता है। यह एक खुशबूदार मसाला है। जिसे भोजन में स्वाद के लिए डाला जाता है।
लौंग का तेल पानी की तुलना में भारी होता है। सिगरेट की तम्बाकू को सुगन्धित बनाने के लिए लौंग के तेल का उपयोग होता है। लौंग के तेल को औषधि के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है।
लौंग तीखा, लघु, आंखों के लिए लाभकारी, शीतल, पाचनशक्तिवर्द्धक, पाचक और रुचिकारक होता है। यह प्यास, हिचकी, खांसी, रक्तविकार, टी.बी आदि रोगों को दूर करती है। लौंग का उपयोग मुंह से लार का अधिक आना, दर्द और विभिन्न रोगों में किया जाता है।
लौंग पाचनशक्ति को बढ़ाता है। दांतों और मसूढ़ों को मजबूत बनाता है। यह पेट के दर्द को मिटाने वाला माना जाता है। गर्भवती स्त्रियों को उल्टी होने पर लौंग को गर्म पानी में भिगोकर उसका पानी पिलाने से लाभ होता है।
लौंग घिसकर अंजन करने से बेहोशी दूर होती है। लौंग का काढ़ा पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। लौंग के तेल को रूमाल पर डालकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है। 1 लौंग पीसकर गर्म पानी से फांक लें, इस तरह रोज 3 बार यह प्रयोग करने से सामान्य बुखार दूर होता है।