गणतंत्र दिवस के मौके पर कल उत्तरप्रदेश के कासगंज में दो पक्षों के बीच हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसके बाद खूब आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। अब कासगंज में हालात नियंत्रण में है। प्रशासन ने कासगंज के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने सरकारी वाहनों को कासगंज आने से रोक दिया गया है।
बता दें कि अपर पुलिस के महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि कासगंज नगर कोतवाली क्षेत्र के मथुरा-बरेली राजमार्ग के बिलराम गेट चौराहे पर तिरंगा रैली निकालते समय एक गुट के लोगों ने पथराव किया था। यह संघर्ष दोनों पक्षों में नारेबाजी के चलते हुआ था। वहीं पुलिस के मुताबिक आज सुबह कासगंज में उपद्रवियों ने 4 दुकानों को जलाने की कोशिश की थी। इस पर पुलिस कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हालत काबू में है, लापरवाह अफसरों पर करवाई होगी ।
आज हिंसा में मारे गए युवक की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए साध्वी प्राची सीधा दिल्ली से यहां पहुंची थी। पुलिस ने उन्हें शव यात्रा में शामिल होने से रोक दिया और उनकी गाड़ी की चाभी निकाल ली। नाराज साध्वी वहीं धरने पर बैठ गईं और कासगंज जाने की जिद्द पर अड़ गई हैं। अभी मिली जानकारी की अनुसार, कासगंज हिंसा पर पूरे तरीके से हालात पर काबू पाने के लिए डीजीपी ने आईपीएस डी.के. सिंह को कासगंज भेजा है।
भाजपा सांसद राजवीर सिंह कल कासगंज में भडकाऊ भाषण देते नज़र आए। इस भाषण में उन्होंने बताया कि इस हिंसा में हमारे 1 आदमी का स्वर्गवास हुआ है। अब इस मामले पर राजनीती बढती जा रही है।