वर्ल्ड डेस्क. अमेरिका के हवाई हमले से नाराज प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए अमेरिकी सेना ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है बुधवार को बगदाद में अमेरिकी दूतावास परिसर के बाहर इकट्ठा हुए ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों को निकालने के लिए अमेरिकी सेना ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। ये लोग लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन कर रहे है।
आपको बता दें कि ईरानी मिलिशियन के दर्जनों और उनके समर्थकों ने बगदाद में दूतावास के गेट पर डेरा डाल दिया है। जहां वे सभी पूरी रात रूके थे। ये सभी परिसर में घुस गए, प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के गेट और खिड़कियों को तोड़ दिया।
अमेरिकी दूतावास की रक्षा करने के लिए मरीन ने आंसू गैस चलाई। दरअसल, इन प्रदर्शनकारियों ने दूतावास को स्वागत गेट पर आग लगा दी थी। दरअसल, ये प्रदर्शनकारी अमेरिकी हवाई हमले से नाराज हैं, जिसने सप्ताहांत में ईरान समर्थित मिलिशिया को निशाना बनाया, जिसमें 25 लड़ाके मारे गए। रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को कहा था कि 82वीं एयरबोर्न डिवीजन की त्वरित प्रतिक्रिया इकाई के करीब 750 सैनिकों को अगले कुछ दिनों में भेजने की तैयारी है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों (जैसा कि आज बगदाद में हुआ) के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं। मंगलवार को हुए हमले के बाद दूतावास की सुरक्षा कड़ी करने के लिए अमेरिका ने नौसैनिकों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहले ही रवाना कर दिया था। ट्रंप ने बताया ईरान में हालात से बेहतर ढंग से निपटा गया। वहीं, ईरान के साथ युद्ध की आशंका के सवाल पर कहा कि मुझे नहीं लगता कि ईरान के लिए ये अच्छा विचार होगा… मैं शांति चाहता हूं… मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा।