अनुज हनुमत | Navpravah.com
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि कासगंज हिंसा के बाद अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। लेकिन उत्तर प्रदेश के कासगंज में किस तरह एक मामूली विवाद को सांप्रदायिक हिंसा में बदलने की साजिश की गई, उसका राज अब खुलता जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो सोशल नेटवर्किंग के जरिए नफरत फैलाने का काम कर रहा था। अब देखना है कि जांच के बाद क्या कुछ बातें सामने आती है। फिलहाल पुलिस जांच में जुट गई है।
बहरहाल, कासगंज हिंसा में व्हाट्सएप ग्रुप पर आपत्तिजनक और भड़काऊ मैसेज पोस्ट करने के आरोप में यूपी पुलिस ने ग्रुप एडमिन राम सिंह और ग्रुप मेंबर अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है। लेकिन अभी ये साफ नही हो पाया है कि इनका लक्ष्य क्या था ।
नवप्रवाह मीडिया नेटवर्क्स से बातचीत में पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए शख्स व्हाट्सऐप पर आगजनी का वीडियो और भड़काऊ बातें लिखकर पोस्ट करते थे। आगे की जांच की जा रही है। सबकुछ स्पष्ठ हो जाएगा। गौरलतब हो कि उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हुई एक झड़प ने साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था। हिंसा में चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। हालांकि, नौशाद नाम का एक शख्स घटनास्थल पर कथित रूप से गोलीबारी की चपेट में आने से घायल हो गया था। इस घटना के बाद अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा। गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक झूठी सूचनाएं फैलाई गई।
इन सबके बीच यूपी के कासगंज हिंसा में अपनी जान गंवाने वाले चंदन गुप्ता के पिता आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के दौरान चंदन गुप्ता की बहन, मां और परिवार के कुछ अन्य सदस्य होंगे। अब देखना होगा कि कासगंज विवाद का जिस तरह से राजनीतिकरण किया जा रहा है, उसके दूरदर्शी परिणाम क्या होंगे। फिलहाल आज सबकी नजरें इस मुलाकात पर रहेंगी।