एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
दिल्ली के एक आश्रम में महिलाओं और लड़कियों को कैद रखने के मामले में फरार चल रहे बाबा वीरेंद्र देव के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि नारी नरक का द्वार हैं, इसलिए हमें उन्हें कैद करके रखना चाहिए। अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा कि अगर आश्रम ‘आध्यात्मिक’ स्थान है, तो वहां लड़कियों और महिलाओं को बंद करके क्यों रखा गया। इस पर आश्रम के वकील ने कहा, “शंकराचार्य के मुताबिक, नारी नरक का द्वार है।”
आगे वकील कुछ कह पाते कि पीठ ने कहा कि वह ऐसी दलीलों के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही करेगी और उनके साथ ही सबको अदालती कक्ष से चले जाने को कहा। वकील के इस बयान के बाद हाई कोर्ट में हंगामा शुरू हो गया। कोर्ट रूम में मौजूद दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख समेत सभी महिला वकीलों ने इस टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज की।
‘विश्वविद्यालय’ शब्द हटाने को लेकर दलील सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई कि दीक्षित के आश्रम ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय’ के नाम से विश्वविद्यालय हटाया जाए। इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि लोग यह सोचते हैं कि यह विश्वविद्यालय है। अदालत इस मामले में अब 8 फरवरी को सुनवाई करेगी। अदालत ने रोहिणी आश्रम और दिल्ली में इसकी अन्य शाखाओं को निरीक्षण करने के लिए एक पैनल नियुक्त किया था। जिसमें दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, वकील नंदिता राव और अजय शर्मा शामिल थे।