पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
तेलंगाना में हुई एक अश्चार्चाकित घटना ने लोगों को चौका दिया है। यहाँ 14 साल की एक लड़की ने खुद को सिर्फ इसलिए आग में स्वाहा कर लिया, क्योंकि उसके सहपाठी उसे काली और बदसूरत कहकर चिढाते थे। पीड़िता कई दिनों से सहपाठीयों के इस बर्ताव के चलते परेशान थी। वे उसे यह कहकर ब्लैकमेल भी करते थे कि वे उसकी बातें क्लास में हर किसी को बता देंगे।
यह मामला तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में स्थित गुम्माडिडाला मंडल से जुड़ा हुआ है, जहां डोमाडुगु गांव में रहने वाली 14 वर्षीय एम.लावन्या नौवीं कक्षा में पढ़ती थी। पुलिस के अनुसार, चूंकि लावन्या सावली थी, तो उसके सहपाठी रोज़ उसे अलग अलग नामों से पुकारते थे। जिससे लावन्या काफी परेशान थी। वहीं एक लड़के ने लावन्या के चरित्र को लेकर उसे ब्लैकमेल करने का प्रयास भी किया था। वह उससे कहता था कि वह उससे जुड़ी बातें क्लास के बाकी लोगों को बता देगा।
ज्ञात हो कि लावन्या ने इसी कारण अपने हाथ की नस काटने की भी कोशिश की थी। हालांकि, उसने बाद में इस मसले को लेकर अपनी प्रिंसिपल के पास जाने का फैसला किया, लेकिन वहां से भी उसे किसी प्रकार की खास मदद नहीं मिली। मजिस्ट्रेट को अंतिम वक्त दिए गए बयान में लावन्या ने बताया था कि प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा था कि मैंने ऐसा क्यों किया? जब मैंने कहा कि मैंने खुद को खत्म करने का प्रयास किया, तो उन्होंने पूछा कि क्या मैं मेंटल या पागल हूं। लेकिन मैंने अपनी शिकायत वापस नहीं ली।
पुलिस ने आगे बताया कि प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन ने पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिए उसने 2 जनवरी को आत्महत्या का प्रयास किया और मिट्टी का तेल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। हादसे में उसके शरीर का 45 फीसदी हिस्सा जला था। नाजुक हालत में उसे हैदराबाद के गांधी अस्पताल ले जाया गया। मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। पुलिस इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रबंधन पर मामला दर्ज करने के सिलसिले में जांच कर रही है।