राजेश सोनी | Navpravah.com
1984 के सिख दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर जांच कराने के आदेश दिए हैं। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक विशेष तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है। जाँच कमेटी उन 186 मामलों की जाँच करेगी, जो बंद कर दिए गए थे। इस समिति की अगुवाई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश करेंगे।
गौरतलब है कि 2015 में भी भाजपा शासित केंद्र सरकार ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जिन्होंने 1984 दंगों के पुराने मामलों की दोबारा से जांच की थी। यह वे मामले थें, जिनकी जांच या तो पुलिस ने बंद कर दी थी या फिर मामले कोर्ट तक नहीं पहुंच पाए।
दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काफी लंबे वक्त से लड़ रहे एचएस फुल्का कहते हैं कि करीब 237 मामले हैं, जिन्हें पुलिस ने बंद कर दिया था। फुल्का के मुताबिक, कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर के खिलाफ भी दो मामले हैं, जिनकी जांच दोबारा होनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मारे जाने के बाद हुए दंगों में 3325 लोग मारे गए थे, जिनमें से 2733 सिर्फ दिल्ली में मारे गए थे। बाकी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मारे गए थे।
गौरतलब है कि जस्टिस नानावती कमीशन ने बंद किए गए 241 मामलों में से केवल चार को ही फिर खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन भाजपा चाहती थी कि सभी 237 मामलों की फिर से जांच हो।