न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार काे डेस्टिनेशन नाॅर्थ ईस्ट 2020 फेस्ट का उद्घाटन किया. इस माैके पर उन्हाेंने कहा कि, पूर्वाेत्तर के बिना भारत और भारतीय संस्कृति अधूरी है. भारतीय संस्कृति की तब तक पूरी तरह से कल्पना नहीं की जा सकती, जब तक उसमें पूर्वाेत्तर संस्कृति नहीं मिलती. पूर्वाेत्तर संस्कृति भारतीय संस्कृति का आभूषण है. उन्हाेंने बताया कि, माेदी सरकार के कार्यकाल के दाैरान आठ उग्रवादी संगठनाें के लगभग 644 गिराेहाें ने आत्मसमर्पण किया है.
शाह ने कहा, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और राेजगार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पूर्वाेत्तर में शांति सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था. पिछले 6.5 वर्षाें में पूर्वाेत्तर- जाे कभी उग्रवाद, हिंसा, भारत बंद के कारण समाचाराें में छाया रहता था. अब उसकी चर्चा विकास, उद्याेगाें, जैविक खेती और स्टार्टअप के लिए हाेती है. शाह ने कहा कि, नरेंद्र माेदी सरकार के दाैरान आठ उग्रवादी संगठनाें के लगभग 644 गिराेहाें ने आत्मसमर्पण किया. उन्हाेंने कहा, कई मुद्दे जाे लंबे समय से चले आ रहे थे, जैसे भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझाैता, मणिपुर नाकाबंदी काे समाप्त करना, ब्रू-रींग समझाैता, बाेडाे समझाैता, आठ उग्रवादी संगठनाें के लगभग 644 गिराेहाें द्वारा आत्मसमर्पण, ये सब नरेंद्र माेदी सरकार द्वारा किया गया है.
उन्हाेंने आगे कहा, समस्याओं का समाधान तभी किया जा सकता है, यदि काेई उत्तर-पूर्व के मुद्दाें काे समझता है और उन्हें ईमानदारी से हल करता है. प्रधानमंत्री माेदी के नेतृत्व में शांति बनाए रखने के लिए बहुत सारे काम किए गए हैं. गृह मंत्री के रूप में, मैं सभी मुख्यमंत्रियाें और पूर्वाेत्तर के लाेगाें काे बताना चाहूंगा कि, 2024 से पहले शेष समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा.