एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
5 साल में 197 विश्विद्यालय और 4501 कालेज नए खुले हैं, लेकिन इसके बावजूद उच्च शिक्षा में भारत आज भी चीन के मुकाबले काफी पीछे ही है। चीन में ग्रॉस एनरोलमैंट रेश्यो 43.39 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह आँकड़ा 26.87 प्रतिशत ही है। हालांकि यह आंकड़ा 2015 का है, लेकिन तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में उच्च शिक्षा के मामले में भारत का इस तरह से पिछड़ना चिंता का विषय बन गया है।
पिछले 5 साल में देश में कालेजों की संख्या 35,525 से बढ़ कर 40,026 हो गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2012-13 में देश में 3 करोड़ 1 लाख विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल कर रहे थे, जिनमें 1.67 करोड़ लड़के और 1.34 करोड़ लड़कियां थीं, जबकि 2016-17 में यह आंकड़ा बढ़ कर 3.57 करोड़ हो गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इस रिपोर्ट के मुताबिक विद्यालयों की सबसे कम संख्या बिहार में है, जबकि सबसे ज्यादा कालेज तेलंगाना में हैं। तेलंगाना में प्रति 1 लाख विद्यार्थी 59 कालेज हैं और यहां प्रति कालेज 483 छात्र हैं, जबकि कर्नाटक में प्रति 1 लाख विद्यार्थी 53 कालेज हैं।