शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
मर्जर के इस मौसम में एक और बहुत बड़ी संधि होने के आसार हैं। ये संधि हो सकती है दो प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच, अर्थात फ्लिपकार्ट और स्नैपडील के बीच। जी हाँ! सूत्रों के मुताबिक जापान की इन्वेस्टमेंट कंपनी ‘सॉफ्टबैंक’ मुश्किल दौर से गुजर रही ‘स्नैपडील’ और उसके सबसे बड़ी प्रतियोगी कंपनी ‘फ्लिपकार्ट’ के बीच मर्जर करा सकती है। आपको बता दें कि सॉफ्टबैंक स्नैपडील में सबसे बड़ा इन्वेस्टर है।
अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मर्जर के बाद सॉफ्टबैंक नई कंपनी में 1.5 अरब डॉलर तक का निवेश कर सकती है। सॉफ्टबैंक नई कंपनी के प्राइमरी और सेकंडरी शेयरों का अधिकांश हिस्सा अपने पास ही रखेगा। सूत्रों के मुताबिक, अगर मर्जर हुआ तो नई कंपनी का करीब 15 फीसदी शेयर सॉफ्टबैंक के पास रहेगा। गौरतलब है कि सॉफ्टबैंक के पास 30 फीसदी से ज्यादा शेयर हैं जिसकी वैल्यू 2016 में करीब 6.5 अरब डॉलर थी।
माना जा रहा है यदि यह डील होती है तो यह देश की ई-कॉमर्स मार्केट की तस्वीर को बदल कर रख देगी। अगर यह मर्जर होता है, तो इस डील में फ्लिपकार्ट के सबसे बड़े इन्वेस्टर टाइगर ग्लोबल की 1 अरब डॉलर के शेयरों की बिक्री भी शामिल हो सकती है। फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल की करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी है। टाइगर ग्लोबल अपनी हिस्सेदारी का करीब 10 फीसदी बेच सकती है। यह भी माना जा रहा है कि टाइगर ग्लोबल संभावित विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी से पूरी तरह अलग नहीं होगी।