पीएनबी बैंक में हुए महाघोटाले की जांच वाली जनहित याचिका पर 23 फरवरी से सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस की बेंच के सामने इस मामले की गंभीरता का उल्लेख करते हुए वकील डॉ. जेपी ढांडा ने कहा कि इसकी सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए।
याचिकाकर्ता विनीत ढांडा ने कहा कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक सहित घोटाले से प्रभावित बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। वकील डॉ. जे पी ढांडा ने कोर्ट से ये भी याचना की है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को ये निर्देश भी दें कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कूटनीतिक कोशिशें तेज की जाएं।
याचिका में ये भी मांग है कि जो लोग ऋण भुगतान में डिफाल्टर हैं। उनकी संपत्ति तुरंत नीलाम करने के सख्त नियम बनाये जायें और उन्हें सबके सामने लाया जाए। बैंक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान हो। याचिका में ये भी कहा गया है कि बड़े कारोबारियों को राजनीतिक संरक्षण मिल जाता है, इसलिए वो जल्दी पकड़ में नहीं आते हैं। पिछले कुछ दशकों में इस तरह के कई घोटालों ने देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है।
पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक शाखा में 11,360 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजैक्शन किया गया है और बैंक को चूना लगाने वाला नीरव मोदी जनवरी से ही फरार है। इस मामले में लगातार जांच जारी है और इसमें जांच एजेंसियों ने कई गिरफ्तारियां भी कर ली हैं।