एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मोदी सरकार को झटका देते हुए एशियाई विकास बैंक ने बुधवार को देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर को चालू वित्त वर्ष में घटाकर 6.7 कर दिया है। एशियाई बैंक ने इस गिरावट के लिए नोटेबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं बहुपक्षीय ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2018 -2019 के लिए देश का जीडीपी 7.4 से घटाकर 7.3 कर दिया है। इसकी मुख्य वजह कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती कीमतों को जिम्मेदार बताया है।
बता दें कि एडीबी ने एशियाई बैंकों की एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत देश की अर्थव्यवस्था 2017 में 6.3 की दर से बढ़ेगी। इसके लिए इस रिपोर्ट में मुख्य तौर पर साल 2016 में सरकार द्वारा किए गए नोटेबंदी को बताया है, वहीं जीएसटी को भी विकास दर में गिरावट की वजह बताई गई है।
इसके अलावा 2017 में कमजोर मानसून होने के कारण कृषि क्षेत्र में होने वाले नुकसान को भी गिरती अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पहले 2017-2018 में अनुमानित विकास दर 7 फीसदी था, इसे घटाकर अब 6.3 कर दिया गया है।
इससे पहले अप्रैल से जून के बीच पहली तिमाही का विकास दर 5.7 फीसदी रहा था, जिसके कारण मोदी सरकार को विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ा था।