राजेश सोनी | Navpravah.com
एक बार फिर सरकारी तंत्र नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा हिन्दू आस्था पर चोट पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। एनजीटी ने अमरनाथ को शांत क्षेत्र घोषित कर इसे पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील इलाका बताया है। जिसके कारण एनजीटी ने अब हिन्दुओं की आस्था को चोट पहुंचाते हुए, अमरनाथ यात्रियों को यात्रा के समय जयकारे और मंत्र उच्चारण पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि एनजीटी ने अमरनाथ इलाके में हिमनद की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, ध्वनि-प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ यात्रियों की संख्या को भी कम करने का आदेश दिया है। इस बीच, इस विवाद पर राजनीति भी तेज हो गई है और देश की सत्ता पर राज कर रही भाजपा ने इसे हिन्दू विरोधी फरमान बताया है।
एनजीटी ने आगे अमरनाथ श्राइन बोर्ड से कहा कि अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा घंटी नहीं बजाई जानी चाहिए। इसके अलावा, यात्रियों को यात्रा के दौरान मोबाइल फ़ोन ले जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। एनजीटी ने अमरनाथ प्रबंधन से कहा है कि उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि लोग आखिरी चेक पोस्ट से अमरनाथ गुफा तक एक लाइन में जाए।
गौरतलब है कि इसे पहले भी कई बार सरकारी अदलतों और सरकारी तंत्रों द्वारा हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई गई है। इसी वर्ष दिवाली के त्योहार में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में फाटकों पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को लोगों का सोशल मीडिया पर काफी विरोध झेलना पड़ा था।