सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरएल हांगलू की एक महिला के साथ कथित अंतरंग वार्ता के ऑडियो टेप और आपत्तिजनक वाट्सएप चैट प्रकरण की जांच करने वाले हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने रिपोर्ट दे दी है।
इविवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस मिश्र को दी गई रिपोर्ट में कमेटी ने कुलपति प्रो. हांगलू को यह कहते हुए क्लीन चिट दी है कि जांच के दौरान किसी ने प्रो. हांगलू के खिलाफ किसी भी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है।
इविवि के पीआरओ डॉ. चितरंजन कुमार सिंह ने बताया कि, यह कमेटी 20 सितंबर को इस प्रकरण में एचआरडी मंत्रालय द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के परिपेक्ष्य में बनाई गई थी, इस रिपोर्ट को दो दिन के भीतर मंत्रालय भेज दिया जाएगा।
शपथपत्र में महिला ने कुलपति प्रो. हांगलू पर कोई आरोप नहीं लगाया है, रिपोर्ट में लिखा गया है कि कमेटी को कुलपति के पक्ष में मिले शपथपत्र और पत्र से यह साबित होता है कि कुछ लोगों के द्वारा कुलपति प्रो. हांगलू की गरिमा को धूमिल करने के लिए आधारहीन और गलत आरोप लगाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई आरोप लगाए जाते हैं और आरोप लगाने वाला व्यक्ति आरोप के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो आरोप स्वत: गलत साबित हो जाते हैं।
इविवि के पीआरओ ने सात अक्तूबर की शाम को यूट्यूब पर लोड किया गया महिला का इंटरव्यू भी मीडिया को दिखाया था, एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में महिला कुलपति प्रो. हांगलू के ऊपर लगे आरोपों को गलत बता रही है।
महिला का कहना है कि कुलपति उसके घर उसके साहित्यकार पति की लाइब्रेरी देखने के लिए आए थे और वह कश्मीर पर उपन्यास लिख रही है, जिसके बारे में कुलपति से मदद ले रही है।
महिला ने टेप और वाट्सएप चैटिंग प्रकरण को लेकर कुलपति के खिलाफ आंदोलित छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह सहित अन्य छात्र नेताओं के बारे में कह रही है कि नेता उस पर कुलपति को बदनाम करने के लिए दबाव बना रहे थे।