सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
चक्रवाती तूफान तितली उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटीय तटों तक पहुंचने के बाद बंगाल की ओर बढ़ गया है, ओडिशा के गोपालपुर में आए समुद्री तूफान की चपेट में आकर मछुआरों की एक नाव डूब गई।
ओडिशा के मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों तक तूफानी हवाओं की चेतावनी जारी की है, एहतियात के तौर पर ओडिशा से तीन लाख लोगों को तटीय इलाकों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
तूफान से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में भारी बारिश हुई जिससे सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिले के कई मंडलों में दो सेंटीमीटर से लेकर 26 सेमी. तक बारिश दर्ज की गई है।
सड़क मार्ग बड़े पैमाने पर अवरुद्ध हुआ और राज्य सड़क परिवहन निगम ने अपनी बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं, एसडीएमए ने मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने के लिए टोल फ्री नंबर 18004250101 बनाया है जबकि तीन उत्तरी तटीय जिलों में नियंत्रण कक्ष चालू कर दिए गए हैं।
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू इस तूफान का जायजा लेने के लिए गुरुवार सुबह ही अमरावती के गर्वनेंस मॉनीटरिंग सेंटर पहुंच गए थे, तूफान की रफ्तार इतनी ज्यादा है कि गोपालपुर और बेरहमपुर में कई पेड़ उखड़ गए हैं।
ओडिशा सरकार ने तूफान के चलते 11 और 12 तारीख को स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है, इसके अलावा तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी की है।
ओडिशा सरकार पहले ही गंजम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों के प्रशासन को चक्रवाती तूफान ‘तितली’ की राह में आने वाले सभी संभावित क्षेत्रों को खाली कराने के निर्देश दे चुकी है, मौसम विभाग द्वारा चक्रवात तितली के गंभीर स्तर पर पहुंचने की सूचना देने के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन पांच जिलों के जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोई दुर्घटना ना घटे।