एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com
यमन में अप्रैल में हैजा महामारी का पता चलने के बाद से इस रोग से मरने वालों की संख्या 2,150 तक पहुंच गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, संगठन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि अप्रैल के बाद से हैजा के 8,20,000 संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
इस सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने साना में दो उड़ानों के जरिए 53 टन से अधिक आवश्यक दवाएं और चिकित्सीय आपूर्ति की. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हज्जाह प्रांत और लाल सागर बंदरगाह शहर होदयदा में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
दो सालों से युद्ध से प्रभावित यमन की कुल दो तिहाई जनसंख्या यानि करीब 1.9 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। लगभग 1.3 करोड़ लोग भुखमरी के जोखिम की चपेट में हैं और 1.45 करोड़ लोग पीने के स्वच्छ पानी की पहुंच से बाहर हैं।
उन्होंने कहा, “यह प्रकोप यमन के 92 फीसदी जिलों में फैल चुका है। दुजारिक ने कहा कि मानवीय सहायताकर्मी करीब 22 लाख लोगों तक आवश्यक दवाइयां और मेडिकल किट पहुंचा चुके हैं, जिनमें करीब 6,00,000 लोगों को गैर-संचारी रोगों की दवाएं दी गई हैं। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने यमन में हैजा के संदिग्ध मामलों के 2017 के अंत तक 6,00,000 तक पहुंचने की आशंका जताई है।