एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखायी है और ब्लू व्हेल गेम को पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट इस गेम के खतरों को ध्यान में रखते हुए केंद्र व सभी राज्यों को निर्देश देते हुए कहा है कि छात्रों के बीच इसकी जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा भी कि ब्लू व्हेल गेम को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं, इस पर केंद्र ने कमेटी बनाने और उसके द्वारा सुझाए गए उपायों की जानकारी भी दी। क्योंकि शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए उन सिफारिशों को लागू करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, इस पर कोर्ट ने सभी राज्यों के मानव संसाधन विकास मंत्रालयों को कमेटी की सिफारिशों पर अमल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि बच्चों को आगाह और जागरुक करने की जिम्मेदारी शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों और परिजनों की भी है। इसलिए परिजनों को इस गेम की हानियाँ बताकर समझाना चाहिए।
‘ब्लू व्हेल गेम’ रूस के फिलिप बुडेकिन नाम के शख्स ने 2013 में बनाया था, इस खेल में एक एडमिन होता है, जो खेलने वाले को अगले 50 दिन तक बताते रहता है कि उसे आगे क्या करना है, खेल के आखिरी दिन खेलने वाले को खुदकुशी करनी होती है।
गेम खेलने वाले को हर दिन एक कोड नंबर दिया जाता है, जो हॉरर से जुड़ा होता है, शुरू में हॉरर फिल्म देखने जैसे आसान टास्क दिए जाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे गेम का लेवल बढ़ता है, टास्क कठिन हो जाता है और लास्ट टास्क में सुसाइड करना होता है।