सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
आज राज्यसभा मे चीन के साथ सैन्य गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा रेखा को रेखांकित किया जाना है। डोकलाम में एक ट्राईजंक्शन है और 2012 में एक लिखित समझौते के तहत निर्णय हुआ था कि इसमें कोई फेरबदल भारत, चीन और भूटान के बीच चर्चा के बाद ही होगा।
विदेशमंत्री ने कहा कि चीन लगातार वहां आता रहा है, कभी निर्माण के लिए कभी किसी और काम के लिए, लेकिन इस बार वे सीधे ट्राईजंक्शन प्वाइंट पर आ गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही चीन के साथ सैन्य गतिरोध इसलिए बना हुआ है कि चीन लगातार यह कह रहा है कि भारत अपनी सेना को वापस अपनी सीमा में बुलाए।
चीन की वन बेल्ट वन रोड नीति पर विदेश मंत्री ने कहा कि जैसे ही में पता चला कि वन बेल्ट वन रोड में चीन पाक आर्थिक कॉरिडोर को डाल रहे हैं, भारत ने पूरी कड़ाई से अपना विरोध दर्ज कराया है।
चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध पर विदेशमंत्रीने स्पष्ट बयान दिया कि चीन डोकलाम ट्राईजंक्शन की मौजूदा स्थिति को अपने तरीके से बदलना चाह रहा है, भारत-चीन तनाव पर दुनिया के सभी देश भारत के साथ खड़े हैं, सैन्य गतिरोध पर कानूनी रूप से भारत का पक्ष बेहद मजबूत है, भूटान ने इस मसले पर चीन से विरोध दर्ज कराया है।
अमेरिका द्वारा एच वन बी वीजा को लेकर नियम और प्रक्रियाएं कड़े करने पर विदेश मंत्री ने कहा कि गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे पर राष्ट्रपति ट्रंप को इस बात पर सहमत कर लिया कि भारत के स्किल्ड प्रोफेशनल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान कर रहे हैं।