एनपी न्यूज़ नेट्वर्क । Navpravah.com
सऊदी अरब में जल्द महिलाएं कार चलाती हुई दिखेंगी।सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने मंगलवार (26 सिंतबर) को एक शाही फरमान जारी करते हुए महिलाओं को देश में वाहन चलाने की इजाजत दी। आधुनिकता की ओर बढ़ते सऊदी अरब के इस कदम से न सिर्फ सऊदी अरब में बल्कि दुनियाभर में इस फैसले की सराहना हो रही है। आपको बता दें कि सऊदी अरब दुनिया का एकलौता देश है, जहां महिलाएं ड्राइव नहीं कर सकती थीं।
यह निर्णय हालांकि, तत्काल लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि देश में महिलाओं के लिए ड्राइविंग सीखने या ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को महिलाओं के साथ उस तरीके से बातचीत करने के लिए प्रशिक्षित करने की जरूरत होगी, जिस तरीके से शायद ही इस समाज में अनजान पुरुषों और महिलाओं के बीच बातचीत होती है। कई सालों से सऊदी मौलवी महिलाओं के ड्राइविंग करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई कारण गिनाते रहे हैं, जिनमें से एक में दावा किया जाता रहा है कि ड्राइविंग से महिलाओं के अंडाशय को नुकसान पहुंचता है।
इस प्रतिबंध को रद्द करने के लिए विभिन्न अधिकार संगठनों द्वारा लंबे समय तक अभियान चलाया गया, जिस दौरान ड्राइविंग करने को लेकर कई महिलाओं को गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। जहां महिलाओं के लिए पाबंदियां बहुत ज्यादा और सख्त हैं। वहीं यह आदेश उस विकास और मॉडर्न फैसलों के सिलसिले में शुमार एक कदम है, जिसकी सऊदी अरब में झलक देखने को मिल रही है। सऊदी के शासक सलमान के इस कदम का अमेरिका ने भी स्वागत किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह सऊदी अरब को सही दिशा में ले जाने के लिए बड़ा कदम है।’
ऐसा माना जा रहा है कि विदेशों में सऊदी अरब की छवि पर होने वाले प्रभावों के अलावा महिलाओं को ड्राइविंग करने देने के पीछे का मकसद सऊदी अर्थव्यवस्था में सुधार करना है, जिसमें महिला चालक मददगार हो सकती हैं। तेल की कम कीमतों ने सरकारी नौकरियों को सीमित कर दिया है, जिस पर सऊदी लंबे समय से निर्भर रहे हैं और अब देश महिलाओं सहित ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को लाभकारी रोजगार देने की कोशिश कर रहा है।
शनिवार को सऊदी अरब ने अपने फाउंडेशन डे में पहली बार महिलाओं को स्टेडियम में हो रहे कॉन्सर्ट में एंट्री दी थी। उस फैसले को भी काफी सराहा गया था। ऐसे में यह सारे फैसले सऊदी सरकार के विज़न 2030 का हिस्सा हैं। अब सऊदी अरब विजन 2030 के लिए सोशल और इकोनॉमिक रिफॉर्म के तहत इन पाबंदियों और नियम-कायदों को ढील देने की कोशिश में लगा हुआ है।