एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भारत में जहां ट्रेनें लेट लतीफी के लिए मशहूर हैं जो वहीं जापान की रेलवे अपनी समयबद्धता के लिए दुनिया में जानी जाती है। यहां ट्रेनों का शेड्यूल इतना सटीक है कि कुछ सेकेंड्स की देरी होने पर भी रेलवे ऑफिसर्स को हर पैसेंजर से माफी मांगनी पड़ जाती है।
जापान की बुलेट ट्रेन शिन्कासेन का रिकॉर्ड है कि वह कभी 36 सेकंड से ज्यादा लेट नहीं हुई, लेकिन खास बात यह है कि ट्रेन के जल्दी छूटने पर भी माफी मांगी जाती है। ऑफिसर इसका अंजाम भुगतते हैं और यात्रियों को सर्टिफिकेट दिया जाता है। हाल ही एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें ट्रेन सिर्फ 25 सेकंड पहले छूट गई तो रेलवे स्टेशन में हंगामा हो गया।
जापान ने एक बार अपनी समयबद्धता प्रमाण दिया है, जापान के विनम्र स्वभाव वाली छवि के साथ रेलवे की कंपनी ने भी ड्राइवर की इस गलती पर माफी मांगी, दरअसल, ड्राइवर को अंदाजा था कि उसे नोटोगोवा स्टेशन से 7 बजकर 11 मिनट (सुबह) पर निकलना है। जबकि असल में उसे 7 बजकर 12 मिनट पर निकलना था।
इस पर उसने ट्रेन के गेट बंद कर दिए, गलती को सुधारने के लिए उसने गेट नहीं खोले बल्कि 7 बजकर 11 मिनट और 35 सेकंड पर स्टेशन छोड़ दिया, महज 25 सेकंड पहले, उसके मुताबिक इस दौरान प्लेटफॉर्म पर भी कोई पैसेंजर नहीं था।
सिडनी मॉर्निंग में छपी खबर के मुताबिक, ड्राइवर की इस गलती से एक व्यक्ति की ट्रेन छूट गई। व्यक्ति ने स्टेशन इंचार्ज से इसकी शिकायत की, स्टेशन इंचार्ज ने मामले की गंभीरता के साथ हाई अथॉरिटीज से इसका जिक्र किया, कंपनी आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल में जुट गई। इसके बाद वेस्ट जापान रेलवे कंपनी ने अखबार में विज्ञापन देकर अपनी गलती स्वीकार की और माफी मांगी।
जापान में समय का बहुत ख्याल रखा जाता है, सरकारी हो या प्राइवेट ऑफिस, एक-एक मिनट की देरी भी गंभीर मानी जाती है। अगर कभी किसी स्टेशन पर ट्रेन कुछ सेकंड या मिनट लेट हो जाए तो यात्रियों की अगले स्टेशन पर दूसरी ट्रेन छूट सकती है।
ऐसी स्थिति में यात्री ऑफिस के लिए लेट हो जाते हैं, इस स्थिति से निपटने के लिए जापानी रेलवे की ओर से यात्रियों को सर्टिफिकेट दिया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये डिले सर्टिफिकेट हर यात्री को दिया जाता है। जब ट्रेन लेट होती है तो स्टेशन पर रेलवे का स्टाफ खड़ा हो जाता है और वह यात्रियों को डिले सर्टिफिकेट देता है। जिसे यात्री अपने दफ्तर में दिखाते हैं और कार्रवाई से बच जाते हैं।