सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
न्यायालय के निर्णय के आधार पर दलित शब्द की जगह अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर जारी किए गए परामर्श पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शब्द का इस्तेमाल सरकारी रिकॉर्डस में भी किया जाता है, लेकिन हमारा मत है कि दलित शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
इससे पहले 6 सितंबर को भी केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा था कि, बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा बोलचाल में एवं मीडिया में दलित शब्द के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने के फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी आरपीआई (ए) सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी
अठावले ने एक बयान में कहा, सरकारी कामकाज में अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल उचित है और मैं इससे सहमत हूं लेकिन व्यवहारिक भाषा में दलित शब्द का इस्तेमाल करने या नहीं करने का फैसला आम जनमानस के ऊपर छोड़ देना चाहिए।
अठावले ने कहा, मैं दलित पैंथर का नेता रहा हूं, दलित शब्द केवल एक जाति विशेष के लिए नहीं बना है बल्कि गरीब, मजदूर ,किसान ,झुग्गी झोपड़ी एवं समाज की मुख्यधारा से वंचित रहने वाले व्यक्ति दलित होते हैं, और दलित शब्द से समाज के युवा अपने आपको गौरवान्वित भी महसूस करते हैं और आगे बढ़ने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।