सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भाजपा पर जमकर बरसे। तेल की कीमतों को लेकर भारत बंद को लेकर उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे भी कभी ईंधन के दामों को लेकर चिल्लाते थे।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आज कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने भारत बंद का आयोजन किया था, इस बंद के दौरान कई स्थानों पर छुटपुट आगजनी और हिंसा भी हुई। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी से गिर रहा है, उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की जो कीमतों में जो उछाल आया है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है, देश इस समय बड़ी परेशानी से गुजर रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया ने कहा कि, 2012 में जब तेज की कीमतें बढ़ी थीं तब जो लोग आज सत्ता में हैं, वे चीख-चीख कर तत्कालीन सरकार को दोषी ठहरा रहे थे और आज वही लोग तेल की कीमतों के पीछे विदेशी कारण बता रहे हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की खुदरा ईंधन कंपनियों द्वारा अधिसूचना नयी दरों के अनुसार पेट्रोल का भाव सोमवार को 23 पैसे लीटर और डीजल 22 पैसे लीटर बढ़ गया, इससे दिल्ली में पेट्रोल 80.73 रुपये लीटर की रिकार्ड ऊंचाई पर, जबकि डीजल 72.83 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है। तेल कंपनियों के अनुसार, रिफाइनरी में पेट्रोल की लागत करीब 40.50 रुपये लीटर है जबकि डीजल 43 रुपये लीटर बैठता है, केंद्र फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपये लीटर जबकि डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है।
इसके ऊपर राज्य सरकारें मूल्य वद्धिर्त कर (वैट) लगाती हैं, सबसे कम वैट अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में है, वहां दोनों ईंधन पर छह प्रतिशत कर वसूला जाता है, वहीं मुंबई में पेट्रोल पर वैट सर्वाधिक 39.12 प्रतिशत जबकि तेलंगाना में डीजल पर सर्वाधिक 26 प्रतिशत वैट है, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल पर वैट क्रमश: 27 प्रतिशत और 17.24 प्रतिशत है।