आनंद रूप द्विवेदी | Navpravah.com
चीन का पाक प्रेम इस कदर सर चढ़कर बोल रहा है कि उसने प्रधानमंत्री मोदी को चीन में होने वाले आगामी ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को संरक्षण दिए जाने की बात न करने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं. चीन इस बात से बेहद चिंतित है कि पीएम मोदी ने गत वर्ष गोवा ब्रिक्स सम्मेलन में जिस प्रकार से पाकिस्तान को ‘मदरशिप ऑफ़ टेररिज्म’ कहा था , वैसा दोबारा न हो.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुन्यिंग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, ‘भारत द्वारा पाकिस्तान की बातों पर ज्यादा ध्यान देता है. जबकि ब्रिक्स जैसे प्लेटफार्म ऐसे मुद्दों पर बात करने के लिए उचित नहीं हैं. पाकिस्तान चीन का निकटतम सहयोगी है और ब्रिक्स में यदि उसपर कोई बात होगी तो चीन पाकिस्तान का बचाव कर सकता है.’
3 सितम्बर को चीन में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन के विषय में भारत की भूमिका को लेकर चीन की प्रवक्ता ने कहा कि, ‘दुनिया का ध्यान ब्रिक्स में केन्द्रित होगा. सभी प्रासंगिक सहयोगियों को ध्यानपूर्वक चीन का साथ देना चाहिए ताकि ब्रिक्स समिट को कामयाब बनाया जा सके. ‘प्रासंगिक’ देशों की बात करने का अर्थ है भारत समेत सभी पांच देश.
चीनी प्रवक्ता ने पाकिस्तान के प्रति अगाध स्नेह प्रदर्शित करते हुए कहा, ‘सम्पूर्ण विश्व को ये समझना चाहिए कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी है जिसमें उसने बलिदान दिए हैं. पाकिस्तान सबसे आगे होकर आतंकवाद से लड़ाई लड़ रहा है.’
गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान के प्रति बेहद सहानुभूति रखता है और उसे अमेरिका से भारत की निकटता बेहद खलती है. चीन एशिया में चाचा चौधरी की भूमिका निभाने के लिए बेहद उतावला है, यही वजह है कि उसने कई बार पाकिस्तान का बचाव करने में कोई संकोच नहीं किया. ब्रिक्स में पीएम मोदी को किस विषय में क्या बात करनी है ये अब चीन सिखाने लगा है. देखने वाली बात है कि आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति ‘मेड इन चाइना’ सहानुभूति वैश्विक पटल पर आतंकवाद पर नियंत्रण रख पाने में किस हद तक सफल हो पाती है.