अमित द्विवेदी | Navpravah.com
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के हवाई बयान की पोल उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान ने ही खोल दी. रेहम खान ने इमरान को सेना की कठपुतली बताते हुए साफ़ किया कि वे अब तक सेना के निर्देश का इंतज़ार कर रहे थे. रेहम ने इमरान खान के बारे में कहा कि उन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए अपना ज़मीर बेच दिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने इमरान की असलियत दुनिया के सामने रख दी. रेहम ने बताया कि इमरान ने सत्ता हासिल करने के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता किया है, तब जाकर उन्हें ये गद्दी मिली है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पुलवामा हमले में वे अब तक खामोश थे और जब तक उन्हें सेना का निर्देश नहीं मिला, उनकी बोलती बंद थी.
रेहम खान ने कहा, ‘इमरान खान विचारधारा और उदार नीतियों से समझौता कर सत्ता में आए हैं. मैं एक मिनट के लिए भी नहीं सोच सकती कि यह उनकी नीति है. उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया गया है और सत्ता-प्रतिष्ठान जो चाहता है वैसा करने के लिए उन्हें निर्देश देता है. हमने चुनाव के दौरान कई नए चरमपंथी धार्मिक दलों का उभार देखा है और हमने इस्लामाबाद में भी काफी हिंसा, दंगे होते देखे हैं.
रेहम का बयान मंगलवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा पुलवामा हमले पर दी गई प्रतिक्रिया के बाद आया है. इमरान खान ने कहा कि भारत यदि जंग का ऐलान करता है तो पाकिस्तान निश्चित रूप से इसका जवाब देगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि पुलवामा हमले में पाकिस्तान के लोगों के शामिल होने का सबूत मिला तो वे सख्त कार्रवाई करने को भी तैयार हैं.
रेहम खान ने पाकिस्तान को आइना दिखाते हुए कहा कि इस मामले में पाकिस्तान को गंभीरता से सोचना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए, इसलिए नहीं कि भारत यह चाहता है, बल्कि इसलिए कि इसमें पाकिस्तान का ही हित छुपा हुआ है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति क्या है, यह इमरान भी बेहतर जानते हैं, ऐसे में सेना की फ़िज़ूल की बात सुनने की बजाय उन्हें देश हित में फैसला करना चाहिए.
रेहम ने कहा कि देश की जनता ने इमरान को इसलिए नहीं चुना कि वे आतंकवाद के मुद्दे पर ऐसे खामोश बैठे रहें, बल्कि कुछ ठोस कदम उठायें. रेहम ने कहा कि यह हो सकता है कि हमारा (पाकिस्तान सरकार) जैश के साथ कोई जुड़ाव न हो, लेकिन हमने इन संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी तो नहीं की है.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा में हुआ यह आत्मघाती हमला जम्मू-कश्मीर के 30 साल के खूनी इतिहास में सबसे बड़ा हमला है.