एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
अफगानिस्तान में 22 साल में पहली बार तालिबान आतंकियों और अफगानिस्तान सैनिकों ने मिलकर ईद मनाई। त्योहार के मौके पर आपसी रंजिश भूलकर अपनों को गले लगाने की बात तो हर कोई करता है लेकिन यह शायद पहली बार हुआ है जब ईद के मौके पर दुश्मनी भूलकर जवानों ने आतंकियों को गले लगाया है।
अफगानिस्तान सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन ये तस्वीरें पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक तालिबान का शासन था। 2001 में अमेरिका की अगुआई वाली सेनाओं ने तालिबान को सत्ता से हटा दिया था। अभी भी अमेरिका-नाटो और अफगान फौज मिलकर तालिबान से लड़ रही हैं।
दरअसल तालिबान ने सबको चौंकाते हुए ईद के मौके पर तीन दिन के सीजफायर की घोषणा की थी। तालिबान द्वारा लागू इस सीजफायर ने अफगान सरकार के सीजफायर को ओवरलैप किया। सरकार द्वारा लागू सीजफायर बुधवार तक लागू रहा।
सोशल मीडिया पर जारी इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सेना के जवान और तालिबानी आतंकी गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई दे रहे हैं। ये तस्वीरें लोगार प्रांत, दक्षिण काबुल और जाबुल की हैं। अफगान के डिप्टी इंटीरियर मंत्री मसूद अजीजी ने बताया कि इस सीजफायर पर पूरे देशभर में नजर रखी जा रही थी और अच्छी बात यह है कि इस दौरान कहीं कोई हमला नहीं हुआ।
बता दें कि दक्षिणपंथी संस्था के सदस्यों द्वारा हेलमंड में अफगानी सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच मीटिंग करवाई गई थी, जिसके बाद यह संभव हो सका। जवानों और आतंकियों द्वारा इस तरह ईद मनाए जाने पर जाबुल प्रांत के एक कॉलेज छात्र ने कहा कि यह अब तक की सबसे सुरक्षित ईद थी। यह पहली बार था जब हमने इतनी सुरक्षित महसूस किया, इस खुशी को बयां करना मुश्किल है।