राजेश सोनी | Navpravah.com
अमेरिका ने H-1 बी वीजा प्रस्तावों को खारिज करने का फैसला लिया है। जिससे अमेरिका में रह रहे 7.5 लाख भारतीयों को बड़ी राहत मिली है। अमेरिकी प्रशासन ने साफ कहा गया है कि H-1 बी वीजा में प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया है। वीजा प्रस्तावों के कारण अमेरिका में बसे भारतीयों की मुश्किलें बढ़ सकती थीं और उन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता था।
बता दें कि खबर आई थी कि जो भी भारतीय अमेरिका में पिछले 6 साल से रह रहे हैं और जो अब ग्रीन कार्ड मिलने का इंतेजार कर रहें हैं, अब ऐसे सभी लोगों को अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसपर अमेरिकी प्रशासन ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया है। वहीं इस मामले को लेकर विदेशी लोगों के लिए एच1बी वीजा को देखनेवाली एजेंसी यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के चीफ ऑफ मीडिया रिलेशंस जॉनाथन का बयान भी आया है।
उन्होंने कहा कि यूएसआईसीएस की तरफ से एसी-21 की धारा 104 (सी) जो विदेशी नागरिक को एच1बी वीजा पर छह साल से ज्यादा रहने की इजाजत देता है, उसमें किसी तरह के बदलाव पर विचार नहीं किया जा रहा है। अगर ऐसा था तो भी फिर भी इस बदलाव के बाद एच1बी वीजाधारकों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूत नहीं करना पड़ता, क्योंकि नियोक्ता की तरफ से एसी21 की धारा 106 (ए)-(बी) के तहत एक साल बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है।
अमेरिकी प्रशासन की तरफ ये घोषणा अमेरिका में रह रहे ए1बी वीजाधारक जो ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए बड़ी राहत बनकर आयी है। अमेरिकी प्रशासन अगर H-1 बी वीजा
प्रस्तावों को खारिज नहीं करता तो, अमेरिका में रह रहे भारतीय को अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता था।