सुनील यादव | Navpravah.com
मंगलवार को देश की सर्वोच्च न्यायालय ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाये जाने पर एक अहम् फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अब सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य नहीं है।
केंद्र सरकार ने सिनेमाघरों में राष्ट्र्गान के अनिवार्यता को लेकर ठोस नियम बनाये जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय माँगा था, इसके लिए सोमवार को गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि फिल्म से पहले राष्ट्रगान को अनिवार्य न किया जाए। बता दें कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजने पर कई लोग खड़े नहीं होते, तो कुछ लोग उनकी पिटाई कर देते हैं। ऐसी घटनाएं दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही हैं।
बता दें कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रिय ध्वज संहिता कानून में संशोधन करने पर विचार किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में देशभर में हो रही इन घटनाओं पर आक्रोश जताते हुए कहा था कि देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के समय खड़ा होना जरूरी नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के लिए खड़ा नहीं होता है, तो ऐसा नहीं माना जा सकता कि वह कम देशभक्त है।
देश की सर्वोच्च न्यायलय ने नवम्बर 2016 में श्याम नारायण चौकसी के सिनेमाघरों में राष्ट्र्गान बजाये जाने के जनहित याचिका पर निर्देश दिया था कि फिल्म से पहले राष्ट्र्गान को अनिवार्य रूप से चलाया जाए। लेकिन राष्ट्रभक्ति के नाम पर इन घटनाओं को रोकने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि देश के सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्र्गान बजाना अनिवार्य नहीं है।