ब्यूरो । नवप्रवाह डॉट कॉम
चीन, पाकिस्तान और नेपाल के बाद अब भूटान ने भी भारत को आँख दिखाना शुरू कर दिया है। चीन भारत की ज़मीन कब्ज़ा करने के चक्कर में लगा है, पाकिस्तान लगातार आतंकी गतिविधियों को हवा दे रहा है और नेपाल भारत के तीन क्षेत्रों को अपने नक़्शे में शामिल कर चुका है और अब भूटान ने असम राज्य की ओर आने वाली उसकी नदियों के पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है।
भूटान की इस गतिविधि ने असम के किसानों का गुस्सा बढ़ा दिया है। असम के बक्सा ज़िले के किसानों ने भूटान के इस निर्णय का कड़ा विरोध जताया और विरोध प्रदर्शन भी किया। ज्ञात हो की वर्ष 1953 से ही भूटान की सीमा से लगे असम राज्य के कई ज़िलों के किसान भूटान की नदियों से ही धान की खेती करते रहे हैं। अब अचानक से भूटान के पानी रोकने से किसानों में बहुत रोष है।
भूटान के इस कदम को लेकर सिर्फ किसानों में ही नहीं बल्कि असम के आम नागरिकों में भी काफी गुस्सा देखने को मिला। उन्होंने कई घंटों तक रोंगिया और भूटान की सडकों को जाम रखा और सरकार से मांग किया की वे इस मामले हस्तक्षेप कर यथाशीघ्र इस मसले को सुलझाएं।
दरअसल कोरोना वायरस के चलते भूटान में विदेशी नागरिकों का प्रवेश वर्जित है। ऐसे में भारत-भूटान सीमा पर स्थित समद्रूप जोंगखार क्षेत्र में जाकर काला नदी के पानी को सिंचाई के लिए खेतों में लाते हैं, लेकिन किसानों को अनुमति देने से भी वंचित कर दिया गया है। इसलिए अब असम के किसानों ने केंद्र सरकार से इस मसले में हस्तक्षेप कर खेती करने के लिए पानी की व्यवस्था करने की बात कही है। हालाँकि इस मामले को भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने संज्ञान में लिया और उन्होंने ट्वीट कर इस बात पर चिंता व्यक्त किया।