यूपी: गायिका से दुष्कर्म मामले में बाहुबली विजय मिश्रा दोषी करार, पुत्र विष्णु व पौत्र विकास दोषमुक्त

रामकृष्ण पाण्डेय | navpravah.com

भदोही (यूपी)। पिछले तीन साल से कई गम्भीर अपराधिक मामलों में आगरा जेल में निरुद्ध भदोही के ज्ञानपुर से चार दफा विधायक रहे बाहुबली विजय मिश्रा की मुश्किलें शुक्रवार को और बढ़ गईं। भदोही की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विजय मिश्रा को वाराणसी की गायिका के साथ रेप के मामले में दोषी करार दे दिया। राहत की बात यह रही कि न्यायाधीश सुबोध सिंह की अदालत ने इसी मामले में पूर्व विधायक के बेटे विष्णु मिश्रा व पौत्र विकास मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिनेश पाण्डेय ने बताया कि कोर्ट ने रेप मामले में दोषसिद्ध अभियुक्त विजय मिश्रा पर शनिवार 04 नवम्बर को सजा सुनाने की तिथि नियत की है। गैंगरेप का यह मामला वर्ष 2020 में गोपीगंज थाने में दर्ज किया गया था।

यह था पूरा मामला-

बता दें कि वाराणसी की रहने वाली एक गायिका ने पूर्व विधायक विजय मिश्रा, पुत्र विष्णु मिश्रा एवं पौत्र विकास मिश्रा पर सामुहिक दुराचार का मामला वर्ष 2020 में भदोही के गोपीगंज थाने में दर्ज कराया था। उस वक्त विजय मिश्रा विधायक थे, और रिश्तेदार की संपत्ति हड़पने के मामले में मध्यप्रदेश से गिरफ्तार होकर यूपी की जेल में निरुद्ध थे। सिंगर ने आरोप लगाया था कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान वह कार्यक्रम के लिए टीम के साथ भदोही आई थी। उसी समय हुए परिचय के बाद पूर्व विधायक ने युवती के साथ असलहे व अपने प्रभाव एवं हनक का भय दिखाकर कई बार उसके संग कुकर्म किये। बाद में पूर्व एमएलए के पुत्र विष्णु व भाई के नाती विकास मिश्रा ने भी उसके संग दुराचार किया। पीड़िता के अनुसार विजय मिश्रा धमकाकर वीडियो कॉल पर भी उसके साथ अश्लीलता करते थे।

कोर्ट ने पूर्व विधायक को माना दुराचार का दोषी, 04 नवम्बर को सजा का ऐलान-

पूर्व विधायक विजय मिश्रा को भदोही की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सुबोध सिंह ने रेप की धारा 376 (2)(एन) में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट 04 नवंबर को सजा सुनायेगी। कोर्ट ने मामले के दों और अभियुक्त पूर्व विधायक के बेटे व पोते को दोषमुक्त कर दिया है। जिसके बाद गैंगरेप का मामला न बनने पर पूर्व विधायक दुष्कर्म के दोषी पाए गए। बता दें कि वाराणसी की युवती की तहरीर पर भदोही के गोपीगंज कोतवाली में धारा 376 डी, 342 व 506 के तहत मुकदमा 03 नामजद आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था।

मामले में नामजद विजय मिश्रा उनके पुत्र व पौत्र पर कोर्ट में आरोप तय होने के बाद ट्रायल चल रहा था। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष व आरोपी (प्रतिवादी) पक्ष द्वारा साक्ष्य, गवाह पेश किए गए। साथ ही लम्बी बहस व जिरह के बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 03 नवम्बर 2023 तिथि सुनिश्चित की थी। विधिक जानकार बताते हैं कि दोषी पाए गए धारा-376(2)-एन दंड संहिता में कम से कम 07 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा पूर्व में निर्धारित थी। किंतु निर्भया कांड के बाद उक्त दंड संहिता में सजा के प्राविधान में बढ़ोत्तरी की गई। अब इस धारा में कम से कम 10 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा निर्धारित है। फिलहाल यह मामला निर्भया कांड के पूर्व का बताया गया है। इसलिए इस मामले में विधिक जानकार कुछ कहने से कतराते नजर आए। फिलहाल कोर्ट इस मामले में सजा पर फैसला 04 नवम्बर शनिवार को सुनायेगी।

दर्ज हैं 83 मुकदमें, गैंगस्टर एक्ट के तहत विजय मिश्रा व कुनबे की 60 करोड़ से अधिक की संपत्ति हो चुकी है कुर्क-

सपा व निषाद पार्टी से विधायक रहे बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की छवि पूर्वांचल के दबंग ब्राह्मण नेताओं वाली रही है। सपा की सरकार में विजय मिश्रा की तूती बोलती थी, लेकिन पिछले 03 सालों से सितारे गर्दिश में हैं। माफिया के तौर पर चिन्हित कर योगी सरकार में लगातार बाहुबली पर शिकंजा कसा जा रहा है।

विजय मिश्रा पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, धमकी व बलात्कार सहित करीब 83 मुकदमे दर्ज हैं। मार्च 2023 में आर्म्स एक्ट मामले में प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने 5 वर्ष की सजा का ऐलान किया था। और आर्म्स एक्ट के ही एक मामले में 2022 में भदोही न्यायालय ने भी ढ़ाई साल की सजा का ऐलान किया था, जिस पर फिलहाल जिला अदालत ने रोक लगा दी थी। वहीं अब रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी माना है। गैंगस्टर एक्ट के तहत विजय मिश्रा, परिवार एवं उसके सक्रिय सदस्यों की अब तक करीब 60 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्तियां राज्य सरकार के पक्ष में जिला प्रशासन ने अटैच की है।

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