सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को लेकर दायर अपीलों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 10 जनवरी के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले के लिए नई बेंच का गठन किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की ओर से दायर की गई उस जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसमें अयोध्या विवाद की रोजाना और जल्द सुनवाई की मांग की गई थी।
यह मामला प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था। इस पीठ द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई के लिये तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ गठित किए जाने की उम्मीद थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस विवाद में दायर चार दीवानी वाद पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था। बाद में अखिल भारत हिन्दू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था, लेकिन न्यायालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
न्यायालय ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है। हिन्दू महासभा इस मामले में मूल वादकारियों में से एक एम सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है।