सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
नेताओं द्वारा हनुमान जी की अलग-अलग जाति बताने का सिलसिला थम नहीं रहा है, अब उत्तर प्रदेश सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भगवान हुनमान को जाट बता दिया है।
जाट कहने के पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि, अगर जाट समुदाय किसी को भी मुसीबत से घिरा हुआ देखता है तो वह बिना मुसला और व्यक्ति को जाने उसकी मदद के लिए कूद जाता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि, हम किसी भी स्वभाव से पता करते हैं कि ये किसके वंशज होंगे, जैसे वैश्य जाति को हम अग्रसेन महाराज के वंशज मानते हैं, क्योंकि महाराज अग्रसेन स्वयं व्यापार करते थे।
उन्होंने कहा कि, जाट का स्वभाव होता है कि अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा हो, तो वो बगैर बात के, चाहे वह जाने पहचान हो या न हो, वो उसमें जरूर कूद पड़ता है, ऐसे ही हनुमान जी भगवान राम की पत्नी सीता माता के अपहरण होने पर दास के रूप में शामिल हुए, यानि हनुमान जी की प्रवृति जाटों से मिलती है।
इससे पहले कल भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुस्लिम बताया था, बुक्कल नवाब कहते हैं कि, हमारा मानना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए हमारे अंदर जो नाम रखे जाते हैं, रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान, जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं, वो करीब-करीब हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं।
बुक्कल नवाब के बयान के बाद अयोध्या के संतों व बाबरी मस्जिद पक्षकार की कड़ी प्रतिक्रिया आई है, श्री रामजन्म भूमि न्यास अध्यक्ष महंत गोपालदास ने बुक्कल नवाब के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुस्लिम भाईयों को धन्यवाद कि वह हनुमान जी को मानने लगे हैं।
















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