‘अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला शुरू’, शामिल होंगे 60 देशों के बायर्स, देखेंगें कारीगरों के उंगलियों की जादूगरी

रामकृष्ण पाण्डेय | नवप्रवाह.कॉम 

  • जिला कारागार बंदियों द्वारा हस्तनिर्मित गलीचे का स्टॉल आकर्षक का केंद्र
  • 09 को मुख्यमंत्री का प्रस्तावित दौरा, 500 करोड़ से अधिक के व्यापार की उम्मीदें

कालीन के लिए वैश्विक पटल पर विख्यात यूपी के भदोही में 8 अक्टूबर से चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ‘इंडिया कार्पेट एक्सपो फेयर’ का शुभारंभ रविवार को हो गया। भदोही स्थित एक्सपो मार्ट में आयोजित होने वाला यह दूसरा कार्पेट एक्सपो है, जबकि भारत का 45 वां कालीन मेला है।

विदेशी कार्पेट खरीददारों का आना भी शुरू हो गया है। कालीन मेले में 272 निर्यातकों ने अपने कार्पेट उत्पादों के स्टाल लगायें हैं। वहीं करीब 60 देशों के 450 विदेशी खरीदार व 250 विदेशी खरीदारों के प्रतिनिधि शामिल होंगें। जिला कारागार के बंदियों द्वारा हस्तनिर्मित कालीन का स्टॉल मेले में आकर्षण का केंद्र रहेगी। निर्यातकों को मेले के जरिये 500 करोड़ से अधिक के व्यापार की उम्मीद है। वहीं 09 अक्टूबर को कार्यक्रम में सीएम योगी व सरकार के मंत्री वगैरह भी शामिल होंगे, उनका दौरा भी प्रस्तावित है। जिसको लेकर व्यापक तैयारी की जा चुकी है।

सरकारी तंत्र विल्कुल चौकन्ना है, सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। विदेशी मेहमानों व वीवीआईपी आगमन को लेकर खुफिया विभाग भी पूरी तरह सतर्क है। इससे पूर्व पिछले दिनों प्रभारी मंत्री सहित आलाधिकारियों ने एक्सपो मार्ट का निरीक्षण कर सीईपीसी (CEPC) का बैठक भी किया था। राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी व जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेले की तैयारी व व्यवस्था में कोई कोर कसर नही छोड़ी गई है। जिससे कालीन व्यवसाय को और पहचान मिल सके।

1. भदोही की सांस्कृतिक विरासत है कालीन, होता है देश का करीब 40 फीसदी उत्पादन-

हैंड नॉटेड कार्पेट (हस्तनिर्मित कालीन) भदोही की परंपरागत कालीन उद्योग ही नहीं, बल्कि यह यहां की सांस्कृतिक विरासत भी है। गलीचे के शहर भदोही में सदियों से कॉरपेट का कारोबार होता चला आ रहा है। जिसका निर्यात अमेरिका, यूरोप, जर्मनी, फ्रांस सहित दुनिया भर के देशों में होता है। वहीं भदोही का यह परंपरागत उत्पाद दिल्ली में बनें नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा में भी अपनी चमक, धमक बिखेर रहा है। वहीं यशोभूमि मण्डपम में भी भदोही का गलीचा छाया रहा। भदोही अकेले देश का 35 से 40 प्रतिशत उत्पादन अकेले करता है। ‘एक जिला एक एक उत्पाद योजना’ में भी कार्पेट शामिल है।

2. कालीन मेले में शामिल होंगे करीब 60 देशों के 700 खरीददार-

8 से 11 अक्टूबर तक चलने वाले एक्स्पो मार्ट में करीब 60 देशों के लगभग 700 बायर्स एवं आयातक प्रतिनिधियों को शामिल होना है। मेले में इसके अलावा करीब 272 कार्पेट निर्यातक अपने उत्पादों का स्टॉल लगाकर प्रदर्शन करेंगे। जिले के कालीन निर्यातकों का मानना है कि चार-छह आयातकों को उनके नमूने पसंद आ गए, तो व्यवसाय को गति मिलने में सहायता मिलेगी। बायर्स को प्रभावित करने के लिए कुछ अलग हटकर सैंपलिंग कराई गई है।

3. सूबे के मुख्यमंत्री भी होंगें शामिल, निर्यातकों, आयातकों व बुनकरों से करेंगें संवाद, व्यवस्था चाक-चौबंद-

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के प्रशासनिक समिति के सदस्य फिरोज वजीरी ने कहा कि कार्पेट एक्स्पो के लिए पहले ही आमंत्रण पत्र भेजा गया था। वहीं कुछ निर्यातकों ने हाल ही में विधायक औराई के साथ सीएम से मुलाकात कर उन्हें न्योता दिया था, जिसपर उन्होंने आश्वासन भी दिया है। जिसको लेकर निर्यातक उत्साहित हैं। वहीं डीएम व प्रभारी मंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प कालीन मेले में सीएम भदोही आ रहे हैं। वह कालीन व्यवसायियों, बुनकरों व भदोहीवासियों को सौगात भी देंगें।

4. जिला कारागार ज्ञानपुर के बंदी बुनकरों के हस्तनिर्मित कार्पेट की भी लगी है प्रदर्शनी-

गलीचे के शहर में कैदी भी कालीन बुनाई का काम कर रहे हैं। उनकी कारीगरी तीन कालीन निर्यातकों के जरिये जापान, इंग्लैंड व यूएस तक पहुंच चुकी है। डीएम ने बताया कि करीब 60 से अधिक कैदी ज्ञानपुर जेल में भी कालीन बुनाई कर रहे हैं। उनकी कारीगरी को और पहचान मिल सके, इसलिए जिला कारागार कार्पेट का भी एक स्टॉल लगाया गया है।

5. छोटे-मझोले उद्यमियों को बड़ी आस, मील का पत्थर साबित हो सकता है एक्सपो फेयर-

भदोही में चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो को लेकर कालीन निर्यात संवर्धन परिषद पूरे जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ था। भटक रहे छोटे व मझोले कालीन उद्यमियों के लिए घर में मिल रहा यह मंच इंडिया कार्पेट एक्सपो-23 फायदे का तमगा साबित हो सकता है। अधिक खर्च के कारण दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कालीन मेलों में प्रतिभाग से वंचित निर्यातकों ने भदोही में 8 अक्तूबर से होने वाले कालीन मेले में स्टॉल बुक कराया है। लोगों का मानना है कि कहीं न कहीं इस एक्सपो फेयर पर भदोही क्षेत्र के कालीन उद्योग का भविष्य निर्भर है। ऐसे में यदि इसमें उम्मीद के मुताबिक व्यवसाय नहीं हुआ तो भारी संख्या में लोग अगले एक्सपो में भाग लेने के लायक भी नहीं रह जाएंगे।
आयोजक कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने गत वर्ष अक्तूबर में हुए पहले कार्पेट एक्सपो में 400-500 करोड़ व्यवसाय होने का दावा किया था, लेकिन भदोही के बाजार पर कोई सकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिला था। एक वर्ष बीतते-बीतते आज स्थिति यह है कि बड़ी संख्या में लोगों के पास काम नहीं है।

6. 200 करोड़ की लागत से बना है मार्ट-

भदोही स्थित कार्पेट सिटी में 200 करोड़ की लागत से 7.5 एकड़ भूमि पर मार्ट का निर्माण कराया गया है। यह कालीन क्षेत्र के लिए भारत की अत्याधुनिक परियोजनाओं में से एक है। कार्पेट एक्सपो मार्ट सौर ऊर्जा के साथ-साथ ग्रीन मार्ट भी है, जिसमें 7 हजार वर्ग मीटर के दो हॉल के अलावा 94 स्थायी दुकानें हैं। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की अन्य सभी सुविधाएं हैं। फिलहाल, देखना है कि इस बार का एक्सपो कालीन व्यावसायियों के लिए मील का पत्थर साबित होता है या नही। क्योंकि उनके पीछे एक बड़ा तबका बुनकरों का भी है, जिनका इसी धंधे के जरिये आजीविका चलती है।

7. नए संसद भवन में भी खूबसूरती बिखेर रही भदोही की कालीन, यशोभूमि मण्डपम में भी छाया रहा भदोही का गलीचा-

कभी बनारस जिले से अलग हुआ भदोही कालीन उत्पादन के लिए मशहूर है। यहां के बुनकरों के उंगलियों की जादूगरी विदेशों तक अपनी छाप छोड़ रही है, वहीं यहां का हस्तनिर्मित सतरंगी गलीचा पिछले 28 मई 2023 को उद्घाटित हुए देश के नवनिर्मित संसद भवन की शोभा में भी चार चांद लगा रहा है। भदोही की ओबीटी कम्पनी ने ऑर्डर पर करीब 300 पीस कालीनें तैयार कराकर न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग की सेंट्रल विस्टा में लगने के लिए भेजा था। वहीं जी20 समिट के यशोभूमि मण्डपम में भी भदोही के बुनकरों द्वारा धागों से उकेरा गया कालीन छाया रहा।

8. वीवीआईपी आगमन के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद-

विदेशी मेहमानों एवं वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का बेहद ख्याल रखा गया है। सिक्युरिटी को लेकर व्यापक बंदोबस्त किया गया है। चप्पे चप्पे पर पुलिस की मौजूदगी है। इंटेलिजेंस, एलआईयू व स्पेशल ब्रांच नजर बनाए हुए है। वहीं एडीजी जाेन वाराणसी रामकुमार व डीआईजी आरपी सिंह, जिलाधिकारी गौरांग राठी, पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने पुलिस ब्रीफिंग मीटिंग की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.