महाराष्ट्र में अब कोरोना के चीन से भी ज़्यादा मामले हैं। चीन में कोरोना के 83 हज़ार मामले हैं, जबकि महाराष्ट्र में लगभग 86 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भविष्य में परेशानी बढ़े न इसीलिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब सिर्फ़ गम्भीर लक्षण वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार ने इस फ़ैसले की जानकारी दी और कहा कि वर्तमान की स्थिति को देखते हुए यह फ़ैसला ज़रूरी हो गया था। एक समाचार चैनल से बात करते हुए डाक्टर्स कहते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। ऐसे में जल्दी सभी अस्पतालों के बेड भर जाएँगे, और क्रिटिकल केयर के लिए ज़रूरी सामानों की कमी हो जाएगी, तब क्या करेंगे। इस स्थिति से निबटने के लिए सरकार ने निर्णय लिया कि जिन लोगों में लक्षण पाए जाएँगे, उनकी जाँच के लिए कम्यूनिटी हेल्थ वालांटियर उनके घर जाकर जाँच करेगा और लक्षण के आधार पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
कोरोना के 60 प्रतिशत से ज़्यादा मामले पांच शहरों में हैं, जिनमें मुंबई और दिल्ली सबसे आगे हैं। मुंबई समेत राज्य के कोविड-19 अस्पतालों में बेड की कम संख्या को देखते हुए उद्धव ठाकरे सरकार ने ये फैसला लिया है। दिल्ली और पश्चिमी मुंबई के डॉक्टरों ने बीबीसी को बताया कि कोविड-19 के इलाज के लिए आने वाले लोगों में तेज़ बढ़ोतरी हो रही है। सरकार चाहती है कि 80 प्रतिशत कोरोना संक्रमितों का इलाज घर में हो।
TOI की खबर के मुताबिक, उद्धव सरकार का कहना है कि जिन कोरोना मरीज़ों में कोई लक्षण नहीं है या मामूली लक्षण हैं, वो अपने-अपने घर पर ही ठीक हो सकते हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं है। सिर्फ गंभीर लक्षण वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
बीएमसी ने निर्णय लिया है कि अब मरीजों को स्वाब टेस्ट देने के लिए अस्पताल में नहीं जाना पड़ेगा। मरीज को घर में ही क्वारंटाइन किया जाएगा। सिम्टम्स के आधार पर उनका स्वाब टेस्ट घर से लिया जाएगा। बीएमसी अधिकारी और डॉक्टर स्वाब टेस्ट जमा कर जांच के लिए लैब में भेजेंगे। पहला टेस्ट 5 दिन में और दूसरा टेस्ट 10 दिन में लिया जाएगा। डॉक्टर मरीज को जो दवा लेने की सलाह देंगे मरीज को घर पर लेते रहना होगा। मरीज की स्थिति के आंकलन के आधार पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने मुंबई के सभी 24 वार्डों के लिए अलग से वार्ड वॉर रूम बनाने का निर्णय लिया है। हर वार्ड के लिए 30 फोन लाइन होगी, जो 1916 पर फोन करने के बाद संबंधित वार्ड ऑपरेटर के पास ट्रांसफर हो जाएंगी।