ब्यूरो | नवप्रवाह डॉट कॉम
सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के उपलब्ध भ्रामक तथ्य के ख़िलाफ़ राजनीति की पाठशाला नामक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाख़िल किया। गुरुवार को दाख़िल इस जनहित याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि किस तरह सोशल मीडिया पर ग़ैरज़िम्मेदाराना तथ्य प्रकाशित किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भ्रामक लेख और इंफ़ोग्राफ़िक्स की भरमार है। जिन पर तत्काल प्रभाव से लगाम लगाने की आवश्यक्ता है। सर्च इंजन गूगल पर जाकर अगर आप विश्व में सबसे बड़े आपराधिक लोगों की सूची देखें तो आप को ऐसे नाम दिखेंगे कि आप भौचक्के रह जाएँगे। ऐसे तमाम तथ्य आप को परेशान कर सकते हैं। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राजनीति की पाठशाला के संस्थापक डॉक्टर अजय पाण्डेय ने गुरुवार को एक जनहित याचिका दाख़िल की, जिसमें उन्होंने ऐसे प्लैट्फ़ॉर्म्स को क़ानूनी दायरे में रखने की वकालत की। पाण्डेय ने कहा कि हमारे देश को महान विभूतियों के साथ खिलवाड़ सर्वथा अनुचित है और ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई की भी आवश्यक्ता है, जो इन सब कृत्यों के पीछे हैं।
सोशल मीडिया पर नकेल न होने की वजह से कई बार साम्प्रदायिक दंगे भी हुए हैं, जिसने आम जनमानस की भारी क्षति हुई है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।